राजगढ़. मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे जेल का साइरन बजा। काफी देर तक साइरन बजने से जेल के आसपास काफी लोग खड़े हो गए। सभी लोगों ने यह समझा कि कोई कैदी भाग गया, और तो और साइरन बजने की सूचना कोतवाली से लेकर पुलिस लाइन तक पहुंच गई।
ऐसे में कोतवाली के पुलिसकर्मियों के अलावा पुलिस लाइन से भी एक टीम जेल पहुंच गई और जेल के चारों तरफ घूमने भी लगी। सूचना लगने पर मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन जेल प्रबंधन का कहना था कि कई दिनों से जेल का साइरन बंद था और यह रूटीन चेकअप है। पहले हर माह के आखरी दिनों में यह घंटी बचाकर करते थे, लेकिन हाल ही में साइरन को सुधरवाया गया है। इसलिए साइरन बजाया गया। इस दौरान सभी कैदियों की चेकिंग की गई। जेल प्रबंधन के अनुसार जेल में चेकिंग के लिए साइरन बजाया गया, लेकिन सवाल उठता है कि यदि जेल के अंदर कुछ नहीं हुआ था तो इतना लंबा साइरन क्यों बजाया गया और फिर इसकी सूचना वायरलेस सेट से कोतवाली से लेकर पुलिस लाइन तक कैसे पहुंची। यही नहीं पुलिसकर्मी जेल के चारों तरफ चक्कर क्यों लगाते नजर आए। बात जो भी हो। इसकी हकीकत कैदियों से जिम्मेदार अधिकारी द्वारा पूछताछ में ही सामने आएगी।
हमें जैसे ही सूचना लगी कि जेल में सायरन बज रहा है तो हम तुरंत जेल के पास पहुंचे, लेकिन वहां बताया गया कि यह कैदियों की रूटीन चेकिंग है। इसलिए बजाया गया।
पुरुषोत्तम विश्रोई, आरआई राजगढ़
पहले यह चेकिंग घंटी बजाकर की जाती थी, लेकिन अब सायरन ठीक हो गया है। इसलिए इसे बजाया गया। यह हम हर महीने चेक करते है।
अजय खरे, जेलर राजगढ़