रिजर्व बैंक ने गुरुवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी)/बांडों में निवेश की शर्तों में ढील देते हुए उन्हें ऐसे बांड खरीदने की भी अनुमति दे दी है जिसके किस्त या मूलधन की अदायगी समय पर नहीं हो पाई है।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी)/बांडों में निवेश की शर्तों में ढील देते हुए उन्हें ऐसे बांड खरीदने की भी अनुमति दे दी है जिसके किस्त या मूलधन की अदायगी समय पर नहीं हो पाई है।
ऐसे डिफॉल्ट बांड खरीदते समय भी एफपीआई के लिए शर्त यह रहेगी कि एनसीडी/बांड की दुबारा तय की गई अवधि कम से कम तीन साल हो।
नए बांड खरीदते समय भी उनके लिए यह शर्त लागू होती है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि एफपीआई बांड के मूल क्रेता को यह बताएंंगे कि वे किन शर्तों पर ये बांड खरीद रहे हैं। इस निवेश के लिए शेष सभी शर्ते पूर्ववत रहेंगी।