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बिचौलिये दे रहे ज्यादा मजदूरी का झांसा, हर महीने दो हजार ग्रामीण कर रहे पलायन

locationराजनंदगांवPublished: Dec 03, 2016 12:10:00 pm

नोटबंदी के चलते उत्पन्न हुई आर्थिक तंगी के चलते गांवों में
रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई है। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार
गारंटी योजना का काम भी ठप है।

Rajnandgaon: Intermediaries are offering false pro

Rajnandgaon: Intermediaries are offering false promises of high wages, every month there are two thousand rural exodus

राजनांदगांव.नोटबंदी के चलते उत्पन्न हुई आर्थिक तंगी के चलते गांवों में रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई है। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का काम भी ठप है। ऐसी स्थिति में कृषि कार्य निपटाकर ग्रामीण बिचौलियों के माध्यम से दूसरे शहर व प्रदेशों की ओर से रूख करने लगे हैं। प्रशासन के पास मौजूद आंकड़ों पर ही गौर करें तो जुलाई, अगस्त और सितंबर तक की स्थिति में 5 हजार से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर ज्यादा मजदूरी मिलने के लालच में घर छोड़कर गए हैं। विडंबना यह है कि प्रशासन की ओर से अब तक पलायन रोकने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

पलायन पर मजबूर लोग
रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में सुबह-शाम दिखने वाले मजदूरों की भीड़ स्पष्ट कर रही है कि जिले में तेजी से पलायन होने लगा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी यह कहकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं कि पंचायतों से जो आंकड़े आ रहे हैं, इनमें से ज्यादातर लोग दूसरे शहर और राज्य में अक्सर आते-जाते रहते हैं। जबकि वनांचल में स्थिति अलग है। मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी, छुरिया सहित अन्य दूरस्थ इलाके के ग्रामीण बिचौलियों के झांसे में आकर पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर काम की तलाश में बाहर जा रहे हैं। मानपुर, मोहला क्षेत्र की युवतियों को प्लेसमेंट एजेंसियों में काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाने और वहां उनके साथ बुरे बर्ताव किए जाने की घटना सामने आ चुकी है।

बिचौलियों की धरपकड़ नहीं की शुरू
प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले बिचौलियों की धरपकड़ नहीं की जा रही है। गांवों में निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं। इसलिए रोज मजदूरी कर घर चलाने वालों के सामने रोजी-रोटी की समस्या है। ऐसी स्थिति में इन्हे गांव छोडऩा ही पड़ रहा है। राहत शाखा से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई माह में जिले से 2381 लोग पलायन कर गए थे। इनमें से 2112 लोग ऐसे हैं जो कि अधिक पारिश्रमिक मिलने के लालच में बाहर गए हैं। इसी तरह अगस्त माह में 2416 लोगों ने घर छोड़ा। इनमें से 2112 ग्रामीणों ने पंचायत को यह जानकारी दी है कि वे ज्यादा मजदूरी मिलने के कारण बाहर जाते हैं।

2 हजार पलायन
सितंबर माह में भी 2 हजार लोग पलायन किए हैं। इन तीनों माह के आंकड़े को देखें तो सबसे ज्यादा पलायन छुरिया विकासखंड और डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। अगस्त माह में छुरिया क्षेत्र से 1672 ग्रामीण पलायन किए हैं। इसी माह में डोंगरगढ़ क्षेत्र से 356 ग्रामीणों के पलायन करने की खबर है। नवंबर माह में ही डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 437 ग्रामीणों ने पलायन किया है। चंदन कुमार, सीईओ जिपं राजनांदगांव ने बताया कि काम की कमी या फिर रोजी-रोटी की समस्या के कारण नहीं बल्कि कुछ लोग ज्यादा मजदूरी मिलने की वजह से दूसरी जगहों पर काम के लिए जाते हैं। जिले में पलायन की भयावह स्थिति नहीं है। प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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