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मोबाइल बटुआ से लेकर स्वाईप मशीन तक, राह नहीं है आसान

locationराजनंदगांवPublished: Dec 06, 2016 01:13:00 pm

कैशलेस लेन-देन की कवायद में स्वाईप मशीन की राह आसान नहीं है।
डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान लेने दुकानदार को हर महीने छह सौ रूपए से
लेकर 12 सौ रूपए तक का खर्च करना पड़ेगा।

 Swaip machine from the mobile wallet, the path is

Swaip machine from the mobile wallet, the path is not easy

राजनांदगांव.कैशलेस लेन-देन की कवायद में स्वाईप मशीन की राह आसान नहीं है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान लेने दुकानदार को हर महीने छह सौ रूपए से लेकर 12 सौ रूपए तक का खर्च करना पड़ेगा। दो प्रकार के स्वाईप मशीन के अलग अलग बैंकों में अलग अलग मासिक किराया हैं। हालांकि स्टेट बैंक फिलहाल सिर्फ इंस्टालेशन शुल्क ले रहा है जबकि कुछ बैंक यह न लेकर मासिक किराया ले रहे हैं। नोटबंदी के बाद बाजार में चिल्हर की किल्लत को देखते हुए केन्द्र सरकार ने कैशलेस लेन-देन पर जोर देना शुरू किया है।

विकल्प तलाश रहे अफसर

इसी कड़ी में मोबाईल को बटुआ बनाने और आधार कार्ड से लेन-देन करने से लेकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नगद भुगतान के स्थान पर करने के लिए यहां भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने बैंक अफसरों और व्यापारिक संस्थानों की कार्यशाला लेकर कैशलेस लेन-देन के कई विकल्पों के बारे में लोगों को समझाया। इसी कड़ी में स्वाईप (पीओएस यानि पाईंट आफ सेल) मशीन व्यापारिक संस्थानों में स्थापित करने के लिए भी कवायद शुरू कर दी गई। लगातार बैठकें लेकर प्रोत्साहित कर रहे हैं।

लेडलाईन कनेक्शन लेना होगा

एसबीआई लैंडलाईन वाले स्वाईप मशीन लगाने पर कोई मासिक शुल्क और इंस्टालेशन शुल्क नहीं ले रहा है जबकि जीपीआरएस वाली मशीन पर वह 220 रूपए का इंस्टालेशन शुल्क ले रहा है। इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया पहली मशीन पर 540 रूपए और दूसरी मशीन पर 12 सौ रूपए का मासिक किराया लेगा। पंजाब नेशनल बैंक लैंडलाईन वाली मशीन का 5 सौ रूपया और जीपीआरएस वाली मशीन का 975 रूपए मासिक किराया वसूलेगा। जो बैंक मासिक किराया नहीं ले रहे हैं, उन बैंकों के स्वाईप मशीन लगाने के लिए लैंडलाईन टेलीफोन कनेक्शन लेना ही होगा। यानि इसमें भी खर्च होगा। एक्सीस बैंक में भी ढाई सौ रूपए के करीब मासिक किराया देना पड़ेगा।

मशीन मुफ्त में देने की पेशकश हुई है

सरकार की कैशलेस पॉलिसी के चलते बैंकों ने दस से 12 हजार रूपए तक की स्वाईप मशीनों को व्यापारिक संस्थानों में मुफ्त में देने की पेशकश जरूर की है लेकिन इस मशीन के इंस्टालेशन शुल्क और मासिक किराए के रूप में दुकानदार को खर्च करने ही पड़ेंगे। एक ओर कुछ बैंक विशेष स्थिति में इंस्टालेशन शुल्क नहीं ले रहे हैं तो कुछ बैंक किराए के रूप मे अच्छी खासी राशि वसूल रहे हैं। बैंक व्यापारिक संस्थानों को दो प्रकार के स्वाईप मशीनें उपलब्ध कराएंगे। दोनों का मासिक शुल्क अलग है। सामान्य मशीन का मासिक शुल्क 540 रूपए तक है। इसके लिए लैंडलाईन फोन कनेक्शन और उसमें एसटीडी होना जरूरी है।

12 सौ तक खर्च

जीपीआरएस वाले वायरलेस मशीन का मासिक शुल्क 12 सौ रूपए तक है। मशीन में पहले से एक्टिवेटेड सिम होगा और इस मशीन को दो तीन मंजिल की दुकान में एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकेगा। मुख्य प्रबंधक एसबीआई मुख्य शाखा हरि सिंह दलोदिया ने बताया कि एसबीआई में मासिक किराया अभी नहीं लिया जा रहा है। जीपीआरएस वाली मशीन के इंस्टालेशन शुल्क जरूर है। सीईओ जिला पंचायत चंदन कुमार ने बताया कि सभी बैंक अपने अपने हिसाब से शुल्क ले रहे हैं, पर आने वाले समय में जब उनमें प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, रैंटल कम होंगे।

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