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कलक्टर से पाबंद फिर भी शादी की तैयारी

locationराजसमंदPublished: Apr 22, 2015 11:29:00 pm

दो दिन पूर्व जिला कलक्टर की ओर से पाबंद किए जाने का बाद भी नाबालिग दुल्हन के घर शादी की

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राजसमंद,नाथद्वारा।दो दिन पूर्व जिला कलक्टर की ओर से पाबंद किए जाने का बाद भी नाबालिग दुल्हन के घर शादी की तैयारी जारी देख प्रशासन फिर हरकत में आ गया।


बुधवार को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (एसडीएम) जितेन्द्र ओझा ने दोनों समधी और दूल्हे के विरूद्ध अदालत में इस्तगासा दायर कर पाबंद कराया। सोमवार को खमनोर में मांगीलाल पुत्र हीरालाल चावला (खटीक) की दो पुत्रियों में से 14-15 साल की कोमल का मंगलवार को बाल विवाह होने की सूचना पर जिला कलक्टर केसी वर्मा खुद मौके पर पहुंचे थे ।


उन्होंने विवाह नहीं करने की सख्त हिदायत दी थी। कलक्टर के सामने कोमल पुत्री मांगीलाल ने भी बाल विवाह के बुरे नतीजे होने की बात कहते हुए अभी शादी नहीं करने हामी भरी थी। खमनोर सरपंच ममता वीरवाल की निकट रिश्तेदारी में यह विवाह होने से कलक्टर ने उन्हें भी सतर्कता बरतने को कहा था।


मंगलवार रात को दूल्हे मनोज पुत्र रतनलाल की बिन्दौली भी निकाली गई। नाथद्वारा से वर पक्ष ने घोड़ा देर रात खमनोर पहुंचा दिया। शादी की पूरी तैयारी की सूचना मिलने पर प्रशासन हरकत में आ गया।

गुड़ली से जा रही बारात रूकवाई


शहर के पास गुड़ली से मंगलवार दोपहर कुम्भलगढ़ क्षेत्र में जाने वाली दूल्हे की बारात प्रशासन व पुलिस ने रूकवा दी। नाबालिग वर-वधू पक्ष को विवाह नहीं करने के लिए पाबंद भी कर दिया। राजसमंद तहसीलदार हंसमुख कुमार ने बताया कि गुड़ली में भग्गा पुत्र अम्बालाल भील के 17 वर्षीय बेटे खीमाराम की शादी की तैयारी चल रही थी। बारात दोपहर में ले जाईजानी थी।


सुबह कांकरोली थाना पुलिस के दल के साथ मौके पर जाकर पूछताछ की। शादी के कार्ड पर दूल्हे की उम्र नहीं लिखी होने पर स्कूल से उसका रिकॉर्ड मंगवाया, तो उसकी उम्र विवाह योग्य नहीं होने की हकीकत सामने आ गई। पिता-पुत्र को कांकरोली थाने ले जाया गया, जहां समझाइश के बाद लिखित में उन्हें पाबंद कर दिया।

अब शादी हुई, तो दो साल जेल


बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत दोनों समधी और दूल्हे को पुलिस ने गिरफ्तार कर एसडीएम ओझा ने नाथद्वारा एसीजेएम कोर्ट में इस्तगासा पेश किया। इसके साथ वह शपथ-पत्र भी प्रस्तुत किया, जिसमें नाबालिग के पक्ष की ओर से विवाह नहीं करने की बात कही गई थी। बाद में अदालत से उन्हें पाबंद कर छोड़ दिया गया। अधिनियम के प्रावधानों का अब उल्लंघन करने पर अदालत दो साल की जेल की सजा और जुर्माना कर सकती है।

प्रिंटिंग प्रेस मालिक पाबंद


वहीं नाबालिग की शादी का कार्ड छापने वाले श्रीजी प्रिंटिंग प्रेस, नाथद्वारा के मालिक खेमराज को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है तथा पाबंद किया।
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