रकम दोगुना कराने में उलझे लोग, कंपनियां फरार
रतलामPublished: Nov 20, 2016 01:17:00 pm
– शहर में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी
रतलाम।
लोगों को चार से पांच साल में राशि दोगुना करने के नाम पर कई फर्जी फायनेंस और बीमा कंपनी सक्रिय है। जो कि मौका लगते करोड़ों रुपए बटोर रफू चक्कर हो रही है। एेसे कई मामले पुलिस के सामने आ रहे है। पुलिस फरार कंपनी संचालकों व डायरेक्टर्स की तलाश कर रही है। ऐसे मामलों में थोड़ी सी समझदारी और लालच को अनदेखा कर इन फर्जी कंपनियों से बचा जा सकता है।
शहर में यह रही ठग कंपनियां
केस :1- दीनदयाल नगर थाने में 24 अगस्त को बिबड़ोद निवासी किशनदास बैरागी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि गोल्ड रियल एंड एलाइ्रड लिमिटेड कंपनी न्यू दिल्ली ने एफडी के तौर पर प्रतिमाह एक हजार रुपए जमा कराने के बतौर पांच साल में 60 हजार रुपए जमा करा लिए। पांच साल में राशि डेढ गुना होने का लालच दिया था। बीमा का समय पूर्ण होने से पहले ही ऑफिस बंद कर भाग गए। पुलिस ने इंदौर निवासी कंपनी के फिल्ड टीम सीनियर हीरालाल वैष्णव, शिवपुर रतलाम निवासी मैनेजर संदीप पाटीदार, हैड इंचार्ज मनीष शर्मा, इंदौर ब्रांच मैनेजर मोनिंदर लिखारे और दिल्ली गुरविंदर ङ्क्षसधु के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। शहर के करीब 150 लोगों के साथ इस प्रकार की ठगी हुई है। पुलिस ने हाल में ही सीहोर से कंपनी के फील्ड टीम लीटडर हीरालाल वैष्णव व एरिया मैनेजर सचिन गामड़ को गिरफ्तार किया है।
केस: 2- महावीर नगर निवासी हरेंद्र प्रजापत ने शिकायत दी है कि बालमुकुंद, उसका पुत्र राहुल, भतीजा अनिल, सुनील, पत्नी शकुंतला ने बीएनपी फ्रेंडशिप कंपनी राजगढ़ सारंगपुर में खोली थी। ग्राहकों से राशि एकत्र कर एफडी और पॉलिसी की रसीद दी गई है। एजेंटो को भी पर्सेटेंज दिए जाने का प्रावधान था। निर्धारित तिथि खत्म होने पर पॉलिसी की राशि लेने पहुंचे तो गाली गलोज कर उन्हें भगा दिया गया। सभी आरोपी मुख्यालय पर ताला जड़कर नदारद हैं।
केस: 3- साईप्रसाद कंपनी ने चार साल पहले कई लोगों की पांच साल में दोगुनी राशि करने के नाम पर बीमा पॉलिसी व एफडी की। उसके बाद कंपनी ताला जड़कर फरार हो गई। रतलाम सहित, मंदसौर, नीमच, धार के भी लोगों ने रतलाम ब्रांच से पॉलिसी कराई थी। सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपए ठगे गए थे। जिन्हें अभी तक वापस नहीं मिले है।
जागरूकता सबसे बड़ा बचाव
पुलिस ऑनलाइन ठग और बीमा फर्जी कंपनी के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर सचेत करने का प्रयास कर रही है। किसी भी बीमा या फायनेंस कंपनी से जुडऩे से पहले ग्राहक को आरबीआई से रजिस्ट्रेशन देखना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए है कि आरबीआई नियमों के तहत कंपनी सालाना 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज नहीं दे सकती है।
– डॉ. प्रशांत चौबे, एएसपी रतलाम