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रतलाम

खेतीहर की धूरी खूब हो रही नेतागिरी

– किसान आंदोलन में एक जून से अब तक मंदसौर पहुंचे 9 राज्यों के 143 नेता
– राष्ट्रीय नेताओं से लेकर प्रादेशिक नेताओं का जमावड़ा, कई सामाजिक संगठन भी कूदे

रतलामJul 16, 2017 / 01:42 pm

vikram ahirwar

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रतलाम। सूखी धरती को पसीने की बुंदों से सींचकर लहलहाने वाला अन्नदाता बीते डेढ़ माह से सियासी धूरी बन गया है। सत्तापक्ष हो या विपक्ष हर दल के राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेता मालवा के गांवों की माटी को छूने की भागदौड़ कर रहे है। किसान आंदोलन के बाद से अब तक देश के 9 राज्यों के 143 बड़े नेताओं ने मंदसौर के गांवों में कदम रखा है। हर जुबान पर नारा तो जय किसान का है, लेकिन दिल में आक्रामक तेवर दिल्ली और भोपाल की राह के फुलों का रस सूखा रहे है। मालवा के राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो यह दौर किसी आम चुनाव से भी ज्यादा अहम है।
 देशभर में इन दिनों पश्चिमी मालवा का प्रमुख जिला मंदसौर सियासी हलचलों का पूर्वोदय बन गया है। बदलाव की उम्मीद इस दिशा से की जा रही है। किसानों पर गोलीकांड के बाद से मंदसौर, रतलाम और नीमच में अब तक देश व प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ अन्य संगठनों के 143 से ज्यादा बड़े प्रतिनिधि करीब 418 किमी घुमकर अन्नदाता के द्वार उनके गांव पहुंचे है। यह किसी चुनावी बिसात की तैयारी नहीं, बल्की उस धरतीपुत्र के प्रति संवेदना है, जिसकी पेशाणी से बहता पसीना सूखी धरती को सींचकर देशभर में खाद्यान्नों के भंडारणों की पूर्ति करता है। एक जून से अब तक मालवा के मंदसौर की माटी अन्नदाता के रण की धूरी बनकर उभरी है।

दस दिनों का आंदोलन, 9 राज्यों में मचा दी हलचल
1 जून: उपज के दाम और किसानों के कर्ज माफी के मुद्दें पर प्रादेशिक आंदोलन की शुरूआत, अनाज मंडियों में बंद का आव्हान, मंदसौर, रतलाम व नीमच में आंदोलन का आंशिक असर।
2 जून: सरदारपुर में किसानों की बाइक जलाई, दूध और सब्जियों के दाम दोगुना, इंदौर में पुलिस पर पथराव, मंदसौर-रतलाम में फेंकी गई सब्जियां।
3 जून: मंदसौर-रतलाम में भारी विरोध, नागदा में महिलाओं से मारपीट, रतलाम के ताल में वाहनों को जलाया, पुलिस व आंदोलनकारियों में झड़प, जावरा में थाने का घेराव किया।
4 जून: रतलाम के डेलनपुर में हिंसा, भारतीय किसान संघ ने आंदोलन वापस लिया, मंदसौर में विरोध के दौरान हल्का बल प्रयोग किया गया।
5 जून: 10 जून तक आंदोलन की घोषणा, मंदसौर में आंदोलन में हिंसा, पिपलियामंडी में कई वाहन जलाए गए, जगह जगह चक्काजाम और विरोध।
6 जून: पुलिस की फायरिंग में 5 किसानों की मौत, पिपलियामंडी, मंदसौर, नारायगढ़, मल्लाहरगढ़ सहित कस्बा क्षेत्र में कफ्र्यू का ऐलान।
7 जून: तीनों ही जिलों में आंदोलन उग्र, मंदसौर के कलेक्टर से हाथापाई, मृतक किसानों का अंतिम संस्कार, बही-सीतामऊ में पथराव की घटना।
8 जून: कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी नयगांव तक आए व हिरासत मेंं लिए गए। पिपलियामंडी और मंदसौर सहित अन्य कस्बों में कफ्र्यू में छूट।
9 जून: बड़वन के किसान की इंदौर में मौत, फंटे पर चक्काजाम, आम आदमी पार्टी के नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंदसौर जाने का प्रयास किया, माननखेड़ा में गिरफ्तार।
10 जून: मंदसौर में शांति, कफ्र्यू हटाया गया, कांग्रेस ने की जेल भरो आंदोलन की घोषणा व जावरा में दी गिरफ्तारियां।

आंदोलन के बाद भी मालवा की माटी को छूने की जीद
11 जून: माननखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की आगुआई में एक दर्जन प्रतिनिधि मंदसौर जाने से पहले गिरफ्तार किए गए।
12 जून: नीमच पहुंचे पूर्व विधायक डा. सुनीलम व योगेन्द्र यादव, प्रभारी मंत्री अर्चन चिटनीस ने किया मंदसौर-नीमच का दौरा।
13 जून: कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उज्जैन से माननखेड़ा जाकर मंदसौर में प्रवेश की कोशिश की, नयागांव में पटेल आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी किया प्रयास, गिरफ्तार हुए।
14 जून: आंदोलन के 8 दिन बाद सीएम शिवराजसिंह चौहान ने रखा मंदसौर सहित मृतक किसानों के गांव में कदम, पीडि़त परिजनों से मुलाकात कर चर्चा की।
15 जून: सीएम मंदसौर से जावरा आए, किसान संवाद कार्यक्रमों में किसानों से चर्चा, जावरा में स्कूल चले हम अभियान दौरान भी किसानों से मिले।
17 जून: सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर मंदसौर के लिए निकले, आंदोलन प्रभावित गांव का दौरा किया, किसानों व पीडि़तों के परिजनों के घर जाकर मिले।
23 जून: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव, प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश व सांसद कांतिलाल भूरिया मंदसौर आए। प्रभावित गांव में जाकर किसानों के घर पहुंचकर चर्चा।
25 जून: आंधप्रदेश व तेलगांना के प्रतिनिधियों का दल गांवों में पहुंचा, नीमच आकर लौटे।
04 जुलाई: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान किसान संदेश यात्रा के साथ गांवों में पहुंचे। दो दिन यात्रा के साथ रहकर किसानों से चर्चा।
06 जुलाई: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व योगेन्द्र यादव मंदसौर जिले के गुड़भैली से गिरफ्तार किए गए, मल्हारगढ़ में कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन हुआ।

कहीं काफिला तो कहीं रैली के साथ मोर्चा
मंदसौर जिला मुख्यालय से मृतक किसानों के गांव बड़वन (28 किमी), चिल्लौद पिपलिया (30 किमी), टकरावद (23 किमी), लोद (21 किमी), बरखेड़ापंथ (21 किमी), नयाखेड़ा (42 किमी) सहित रतलाम से डेलनपुर (12 किमी) व नीमच से नयागांव (21 किमी) तक नेता कहीं काफिलें तो कहीं रैली के साथ किसानों के गांवों में कदम रखते रहे। इस दौरान नेताओं ने इन गांवों तक करीब 418 किमी से ज्यादा घुमकर किसी भी चुनाव से अलग जय किसान का संदेश दिया।

इन राज्यों तक मालवा के किसान
किसान आंदोलन में अब तक मध्यप्रदेश सहित राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, तेलगांना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार से आए प्रतिनिधियों ने गांव का दौरा किया है। भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किसानों के बीच आए तो प्रतिनिधियों के साथ 7 सांसद और 13 विधायक भी अब तक किसानों के द्वार पर दस्तक दे चुके हैं। 3 मंत्री और मंत्री दर्जा प्राप्त 3 प्रतिनिधियों ने भी मंदसौर के गांव का दौरा किया है। 19 पूर्व विधायकों ने कार्यक्रमों व दौरों में आवाज उठाई है।

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