रेलवे सुरक्षा बल के आईजी उदय शुक्ल ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल की प्राथमिकता रेलवे सम्पत्ति की सुरक्षा करना है।
रेलवे का बड़ा क्षेत्र है और वह चार दीवारी में नहीं है। इसके चलते हमेशा सुरक्षा में चूक संदेह बना रहता है।
रतलाम। रेलवे सुरक्षा बल के आईजी उदय शुक्ल ने दो दिवसीय रतलाम निरीक्षण के दौरान अंतिम दिन मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि रेलवे सुरक्षा बल की प्राथमिकता रेलवे सम्पत्ति की सुरक्षा करना है। उसी के लिए फोर्स का गठन हुआ है। अब पैसेंजर सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी पुलिस के साथ सौंपी जाती है। इसके चलते रेलवे सुरक्षा बल के जवान ट्रेनों स्कॉटिंग करते हैं। इसमें भी वह भरसक प्रयास कर यात्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाते हैं। कई उदाहरण भी है।
उनका कहना है कि रेलवे का बड़ा क्षेत्र है और वह चार दीवारी में नहीं है। इसके चलते हमेशा सुरक्षा में चूक संदेह बना रहता है। हर स्थान पर पुलिस जवान की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। हालांकि मेट्रो स्टेशन जैसे दिल्ली में स्टेशन व रेलवे ट्रैक पर काफी हद तक चार दीवारी है और ट्रेन के कोच में स्वीप कार्ड से ही गेट खुलता है। जहां तक की यात्रा है वहां तक ही वलिड रहता है। मेन पावर के साथ तकनीकी भी अपनानी पड़ेगी। इस दौरान वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एस. सुधाकर उनके साथ थे।
महिला पुलिस भी शामिल
आईजी शुक्ल ने बताया कि टे्रनों में रेलवे सुरक्षा बल के जवान स्कॉटिंग कर रहे हैं। अब उन्हें यात्री ट्रेनों में भी स्कॉटिंग दी जा रही है। स्टाफ कमी के कारण अभी तक 22 ट्रेन में मंडल में स्कॉटिंग थी, अब 44 ट्रेनों दी जाएगी। पत्रिका ने ट्रेनों में गश्त के दौरान महिला पुलिस की व्यवस्था की आवश्यकता जताई। आईजी ने सहमति जताई है और कहा महिला पुलिस बल कम होने के कारण एकाएक नहीं हो सकता है, लेकिन उनका प्रयास रहेगा गश्त को जो भी क्रू बनेगा, उसमें एक महिला पुलिस भी शामिल रहे।
वाहन पुलिस के पास नहीं
वहीं जंक्शन के आसपास छोटे स्टेशन पर दुर्घटना और वारदात के दौरान उन्हें जिला अस्पताल लाने के लिए कोई वाहन पुलिस के पास उपलब्ध नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि हाईवे से जुड़े स्टेशन पर सरकार ने हाइवे सिक्योरिटी पुलिस दल और एम्बुलेंस राहत देने के लिए तैनात की है। लेकिन जो हाईवे से दूर है, वहां समस्या है। प्रयास रहेगा त्वरित अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो।
रेलवे एक बड़ा विभाग है
आईजी ने रेलवे सुरक्षा बल के जवानों का परेड निरीक्षण किया। इस दौरान ड्रेस व बेच ठीक प्रकार से लगाने की कुछ जवानों को हिदायत दी। वहीं टोपी कसी होने की भी बात कही। साथ ही इसके बाद डीआरएम कार्यालय में पुलिस जवानों की ऑफिस संबंधी समस्या पर सुनवाई की, जिसमें खासकर वेतन वृद्धि में असमानता और स्थानांतरण व आवास सुविधा के साथ पदोन्नति संबंधी मामलों पर समस्या खुलकर उनके सामने आई। उन्होंने बताया कि वेतन वृद्धि विसंगति का मूल कारण यह होता है कि रेलवे एक बड़ा विभाग है, जिसमें कई बार नार्थ से वेस्ट में स्थानांतरकण कर जवान आ जाते हैं। वहां के वेतन में भी अंतर होने पर यह बात सामने आती है। दूसरा फार्म भरते समय कई कॉलम एेसे होते है जिन्हें भरा नहीं जाता है जिससे इसका लाभ नहीं मिल पाता है।