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संपत्तिकर अधिकारी को भेजा जेला

locationरतलामPublished: Oct 19, 2016 01:04:00 pm

Submitted by:

vikram ahirwar

– पांच प्रकरण में तीन में मिली जमानत और दो प्रकरण में भेजा जेल, मामला हाउसिंग बोर्ड में धोखाधड़ी का

Property Tax Officer Sent to prison

Property Tax Officer Sent to prison


रतलाम।
हाऊसिंग बोर्ड की दीनदयाल नगर कॉलोनी में फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर भूखंड अन्य को बेचने के धोखाधड़ी के मामले में कांग्रेस नेता रमेश शर्मा सहित विभाग के अधिकारियों के काले कारनामे सभी के सामने उजागर हुए थे। दीनदयालनगर पुलिस ने धोखाधड़ी में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। कई दलाल व अधिकारियों को गिरफ्तार कर कोर्ट मार्फत जेल भेजा था। कुछ अधिकारी प्रकरण के बाद फरार हो गए थे। इन्हीं में से एक विभाग के संपति प्रबंधक वीडी नागर ने तीन मामलों में हाई कोर्ट से जमानत पाने के बाद निचली कोर्ट मनीष पाटीदार न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष सरेंडर किया। दीनदयाल नगर पुलिस को सरेंडर की भनक लगने पर वह वहां पहुंच गई। जिसके बाद उन्होंने दो अन्य मामलों में उन्हें कोर्ट से निकलते ही गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद कोर्ट पेश किया तो कोर्ट ने संपति अधिकारी को 1 नवंबर तक जेल भेजने के आदेश दिए हैं।

vd nagar

मामले के जांच अधिकारी एसआई धीरेश धारवाल ने बताया कि दीनदयाल नगर हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर भूखंड बेचान मामले में दलालों के साथ मिलीभगत में धोखाधड़ी में फरार आरोपी सहायक सम्पति प्रबंधक वीडी नागर पिता बाबूलाल नागर ने स्वयं की हाईकोर्ट से तीन मामले खासकर विनोद जोशी के भूखंड ई-206, प्रेमलता कोठारी के डी-196 और राजशेखकर के डी 232 में धोखाधड़ी के मामले में हाईकोर्ट से जमानत पाकर निचली कोर्ट में सिरेंडर किया। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट के बाहर से ही उन्हें अन्य दो प्रकरण कन्हैयालाल गवली के डी-105 और मनोज सोमानी के एफ- 370 में उन्हें गिरफ््तार कर पुन: कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 1 नवंबर तक जेल भेजने के आदेश दिए हैं। इस धोखाधड़ी के मामले में अब भी हाऊसिंग बोर्ड सम्पति प्रबंधक आरडीएस चंद्रावत और पप्पू शर्मा फरार है। पुलिस अभी तक कांगे्रस नेता रमेश शर्मा, अशोक दय्या, लालीबाई व कथित ललितकुमार नामक व्यक्ति के खिलाफ अलग-अलग दो मामलों में बोर्ड कर्मचारी सहायक लिपिक नानालाल पिता लुणाजी बामनिया निवासी दीनदयाल नगर, मनोहरलाल पिता मोहनलाल शर्मा निवासी मामटखेड़ा और मानचित्रकार सुहास पिता वासुदेव निवासी आनंद कॉलोनी को धोखाधड़ी में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

इन मामलों में मिली जमानत
केस: 1- 19 जनवरी को टाटानगर निवासी प्रेमलता कोठारी पति विजेन्द्र कोठारी ने शिकायत दी थी कि आरोपीगण दलाल रमेश शर्मा एवं अशोक दयया ने दो-तीन लाख मुनाफा देने की बात कहकर 28 मई 2015 को प्लॉट नंबर डी-196 दीनदयाल नगर रतलम में 6 लाख 61 हजार रुपए में सौदा किया था। जिसके एक लाख रुप एडवांस अशोक को दिए थे। अशोक ने उक्त रुपए रमेश शर्मा को दिए थे। वहीं इकरारनामा एक हजार रुपए के स्टाम्प पर किया था। आरोपी अशोक और रमेश को प्लॉट के मालिक ललित कुमार पिता मोहनलाल निवासी बाजना स्टेंड को सामने लाने के लिए कहा गया था। आरोपी शर्मा ने कथित ललित नाम व्यक्ति को बुलाया और वह हस्ताक्षर करके जाने लगा, उन्होंने कहा कि रुपए लेते जाआे, तो उसने कहा कि रमेश से ले लूंगा। उसके बाद रजिस्ट्री करवाने की अवधि तय की गई। 17 अगस्त 2015 को नकली रजिस्ट्री करवा दी। आरोपी रमेश और अशोक को 3 लाख 50 हजार रुपए नगद, 2 लाख 10 हजार का चेक, 1 लाख रुपए बयाने में दिए थे तथा 10-10 हजार रुपए दलाली के दिए थे। रजिस्ट्री कराते समय भी असली मालिक ललित कुमार को बुलाने के लिए कहा तो हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी पवन कुमार दभाड़े एवं कर्मचारी मनोहर शर्मा ने कहा कि हमने ललित कुमार को बुलाकर सारी कार्यवाही कर ली है, आप निश्चित रहें। इस भरोसे पर पीडि़त ने साढे छह लाख में प्लाट खरीद लिया और रजिस्ट्री करवा ली। थोड़े दिन बाद प्लॉट का असली मालिक ललित कुमार सामने आ गया है और उसका कहना है कि उसने किसी को प्लॉट नहीं बेचा है।

केस : 2- उमरलापाड़ा चित्तौडग़ढ निवासी राजशेखर पिता घनश्याम पुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि डी-232 दीनदयाल नगर रतलाम में वर्ष 1992-93 में मेरी मां कमला के नाम मकान हाऊसिंग बोर्ड रतलाम से क्रय किया था। वर्ष 2006 को लाली बाई पति रामा राठौर निवासी मिल्लतनगर के सथा मिलकर कमला बाई को अपनी मां बताकर शपथ पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कर हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर उक्त मकान धोखाधड़ी कर अपने नाम करवा लिया तथा उक्त मकान को 10 सितंबर 2015 को रामीबाई ने कमलेश पिता कैलाश पाटीदार ग्राम मांगरोल को बेचकर रजिस्ट्री करवा दी थी।

केस: 3- दीनदयालनगरमें प्लाट क्रमांक ई 206 उज्जैन निवासी विनोद जोशी के नाम से था। लेकिन दलालों ने गृह निर्माण मंडल केअधिकारियों के साथ मिलकर इसकी रजिस्ट्री सुरेश गवली के नाम पर करवा दी थी। इस मामले में हाउसिंग बोर्ड अधिकारी पवन धबाडे और डी बॉथम फरार थे। जिन्हें जेल से औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद 7 तारीख को रिमांड पर लिया था। जिनसे मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने बिना रजिस्ट्री कर्ता के पेश होने पर हस्ताक्षर कर नामांतरण जारी कर दिया था। आरोपीगण दीनदयाल नगर निवासी रमेश शर्मा पिता कन्हैयालाल उर्फ कैलाश शर्मा, पप्पू शर्मा, सुरेश पिता बाबूलाल गवली, महेश गवली ने हाऊसिंग बोर्ड के संपत्ति प्रबंधक पवनकुमार दाभाड़े, सहायक संपत्ति प्रबंधक वीडी नागर, कर्मचारी मनोहरलाल पिता मांगीलाल शर्मा, नानालाल बामनिया से मिलीभगत कर नकली विनोद कुमार तैयार कर फर्जी नामांतरण करा लिया था।


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