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रतलाम का विकास जमीन पर, योजनाओं को नसीब नहीं धरातल

locationरतलामPublished: Dec 07, 2016 09:30:00 am

Submitted by:

vikram ahirwar

शहर को प्रदेश सरकार से बीते ढाई वर्ष के दौरान 765 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि वाले प्रोजेक्ट मिले हैं,  रतलाम शहर में विकास की परिकल्पना आकार नहीं ले पा रही।

Ratlam News

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रतलाम।  रतलाम शहर में विकास की परिकल्पना आकार नहीं ले पा रही। शहर अभी भी करोड़ों की लागत वाले प्रोजेक्टों के पूर्ण होने की राह ही देख रहा है। शहर को प्रदेश सरकार से बीते ढाई वर्ष के दौरान 765 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि वाले प्रोजेक्ट मिले हैं, लेकिन कहीं धीमे कार्य तो कहीं कानूनी पचडे़ के कारण इनका लाभ तय अवधि में आमजन को नहीं मिल रहा है, हालांकि जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार इन प्रोजेक्टों का लाभ आगामी एक से दो वर्षो में शहर को दिलाने का दावा जरूर कर रहे हैं। 

प्रदेशभर में जनकल्याण पर्व मनाया जा रहा है। इसके माध्यम से सरकार के 11 वर्षो के कार्यो का लेखा-जोखा भी दिया जा रहा है। रतलाम शहर में वर्ष 2013 से अब तक सड़क, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, पेयजल और विकास आधारित करीब 13 बड़े प्रोजेक्ट और 9 सहायक प्रोजेक्ट मिले हैं। वहीं, अमृत मिशन जैसी अहम योजना में भी रतलाम शहर को शामिल किया गया है। करीब 765 करोड़ से ज्यादा राशि वाले इन प्रोजेक्टों की वर्तमान स्थिति की पड़ताल पत्रिका ने की तो सामने आया कि ज्यादातर प्रोजेक्टों की गति इतनी धीमी है कि इनको तय अवधि में पूर्ण कर पाना चुनौती बन गया है। वहीं, कुछ बड़े प्रोजेक्ट तो भूमि एवं हस्तांतरण जैसे मसलों में उलझकर रह गए हैं। 

इस तरह करोड़ों के प्रोजेक्टों की स्थिति

गोल्ड कॉम्प्लेक्स

नगर निगम के सामने गांधी उद्यान के पीछे बनने वाला गोल्ड काम्प्लेक्स डीपीआर तक भी नहीं पहुंच पा रहा है। कंसलटेंट फर्म को नियुक्त कर दिया गया है। वहीं, आरडीए के माध्यम से इसके लिए जनवरी से नवम्बर 2016 के बीच तीन बैठक भी हो चुकी है।

नमकीन क्लस्टर

करमदी स्थित भूमि पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एकेविएन को जिम्मेदारी सौंपी है। 15 करोड़ 40 लाख से अधिक के टैंडर जारी कर दिए हैं, लेकिन किसानों की भूमि से संबंधित मामला कोर्ट में जाने से स्थगन आदेश जारी हो गए हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर

शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की मांग काफी पुरानी है। हर साल निगम बजट में प्रावधान करती है लेकिन आज तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है। जगह-जगह खड़े रहने वाले भारी वाहनों ने नगर के अनेक इलाकों को अघोषित ट्रांसपोर्ट नगर बना 
रखा है।

कॉलोनी नियमितिकरण लागत: 04 करोड़
शहर में अवैध कॉलोनियों को नियमितीकरण कर उसमें मूलभूत सुविधाओं को दिलाने का भरोसा दिलाया गया। प्रारंभिक कार्ययोजना भी बन गई लेकिन कार्य की गति अब भी बेहद धीमी गति से चल रही है। कई कॉलोनियों की राशि को लेकर शिकायतें हो रही है।

यूआईडीएसएसएमटी लागत: 32 करोड़ 5 चरण
यह रतलाम की महत्वपूर्ण योजना है। योजना के माध्यम से शहर को रोजाना पेयजल सप्लाई का वादा किया गया लेकिन हालात ये है कि आज तक इसकी पेयजल पाइप लाइनों की टेस्टिंग पर ही सवाल उठ रहे हैं। पीएचई विभाग जांच में जुटा हुआ है।

नालों को पक्का करना लागत: 65.13 लाख

शहरी विकास अधोसरंचना योजना में शहरी क्षेत्र से बहने वाले नालों को पक्का बनाने की कार्ययोजना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के बाद अटकी हुई है। कलेक्टर के आदेश के बाद इस प्रोजेक्ट में कंसलटेंट की मदद से फिर बदलाव किया जा रहा है।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान लागत: 136.21 करोड़

शहर में 23 नालें बरबड़ तालाब, अमृतसागर तालाब एवं त्रिवेणी पर मिलते हैं। माही नदी त्रिवेणी से करीब 18 किमी दूर है और नालों के दूषित जल के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है। दो फर्मो के बीच विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है।

मेडिकल कॉलेज भवन बेहद धीमा कार्य: लागत 296 करोड़

296 करोड़ की लागत से ंबंजली रोड पर बनने वाले इस कॉलेज का निर्माण 2018 तक प्रस्तावित है, लेकिन शुरूआती कार्य ही धीमा चल रहा है। फिलहाल भवन की सुरक्षा दीवार और प्रथम तल के कक्षों के निर्माण की शुरूआत हुई, शेष भवन देरी से बनेगा।

सफाई का विशेष प्लान कार्यक्षमता: हर वार्ड में 20 सफाईकर्मी

शहर में निगम ने सफाई का मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके लिए हर वार्ड में 18 से 20 सफाईकर्मी दिए गए हैं। वर्तमान में वार्ड पार्षद सफाई कर्मियों की गणना करते हैं तो कहीं 10, कहीं 12 तो कहीं 14 सफाई कर्मचारी ही उपलब्ध पाए जाते हैं।

 सभी कार्यो की शुरुआत हो गई

नगर निगम से संबंधित सभी कार्यो की शुरुआत हो गई है। सीवरेज प्लान का सर्वे होने के बाद कार्य भी शुरू हो जाएगा। अमृत मिशन के कार्य चल रहे हैं। मुख्यमंत्री पेयजल योजना से टंकियों का निर्माण किया गया है और पाइप लाइन बिछाई जा रही है। सड़कों का पेंचवर्क रूका था, लेकिन पार्षदों की मांग के बाद हमने इसे भी शुरू करा दिया है।

डॉ. सुनीता यार्दे, महापौर नगर निगम रतलाम

 भोपाल चर्चा की गई

सोमवार को ही महिला अस्पताल की क्षमता बढ़ाने एवं 2 करोड़ की अतिरिक्त राशि के लिए भोपाल चर्चा की गई है। सभी बड़े प्रोजेक्टों की मॉनीटरिंग तेज की गई है। कंसलटेंट और संबंधित विभाग के अधिकारियों से हर माह फीडबैक लिया जा रहा है।

चेतन्य काश्यप, विधायक शहर
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