20 को शोकाज, 21 को खंडवा का आदेश
अपर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं शैलबाला मार्टिन के दो दिन में दो अलग-अलग आदेश से असमंजस की स्थिति।
रतलाम। स्वास्थ्य संचालनालय में बैठे अधिकारी एक ही कर्मचारी को लेकर दो दिन में दो तरह के आदेश जारी कर देते हैं और उन्हें पता ही नहीं रहता कि पिछला आदेश क्या है। ऐसा ही एक मामला नामली में पदस्थ डॉ. अनिल कंडारदिया को लेकर सामने आया है। उन्हें 20 अगस्त को शोकाज नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया तो अगले ही दिन 21 अगस्त को उनके कौशल के आधार पर उन्हें खंडवा भेजे जाने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि 20 अगस्त को दिए शोकाज नोटिस का निराकरण नहीं हुआ और न ही डॉक्टर अपनी बात रख पाए हैं। डॉ. कंडारदिया अभी अवकाश पर चल रहे हैं। ये दोनों ही आदेश अपर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं शैलबाला मार्टिन ने एक ही दिन के अंतराल से जारी किया है।
20 तारीख का आदेश
20 अगस्त को डॉ. कंडारदिया को दिए आदेश में अपर संचालक ने नामली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नहीं रहने, कार्य नहीं करने, वर्क रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने को लेकर शोकाज नोटिस जारी किया था। ओपीडी देखने के बाद ड्यूटी नहीं करने, पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, नियमित रूप से मुख्यालय नहीं रहने व अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना बताते हुए शोकाज नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रति अरुचि की बात भी कही गई है।
21 तारीख का आदेश
अगले ही दिन 21 अगस्त को नए सिरे से एक आदेश अपर संचालक ने जारी करते हुए कहा कि विभागीय उम्मीदवार के रूप में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से स्नातकोत्तर अध्ययन पूर्ण करने के उपरांत चिकित्सा अदिकारियों द्वारा स्वास्थ्य संचालनालय को उपस्थिति दी गई। स्नातकोत्तर की डिग्री /डिप्लोमा अध्ययन उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए डॉ. कंडारदिया (एमएस सर्जरी) को जिला अस्पताल खंडवा पदस्थ किया जाता है। यह पदस्थापना उनके कौशल को ध्यान में रखकर की गई है।