वेसे तो हर प्रकार के फल खाने से लाभ होता है, लेकिन चिकित्सकों का कहना हैं कि अमरूद खाने से सर्दी-जुकाम में भी लाभ मिलता है।
रतलाम। वेसे तो हर प्रकार के फल खाने से लाभ होता है, लेकिन चिकित्सकों का कहना हैं कि अमरूद खाने से सर्दी-जुकाम में भी लाभ मिलता है। इसको संस्कृत में अमृतफल कहा जाता है। अमरूद का प्रतिदिन अगर एक बार सेवन किया जाए तो पेट से जुडे सभी विकार ठीक होते है।
चिकित्सक डॉ अभय ओहरी के अनुसार अमरूद पौष्टिकता से भरपूर फल माना जाता है। इसे संस्कृत में अमृतफ ल कहते हैं। सर्दी जुकाम में अमरूद के बीजों का चूर्ण पानी के साथ लेने से आराम मिलता है। यह पेट की अनेक बीमारी जैसे कब्ज आदि की शिकायत नहीं होने देता है। अमरूद बीजों को भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। अमरूद में विटामिन, मिरनल और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
इस तरह करे अमरूद का उपयोग
यदि पेट दर्द की शिकायत हो तो अमरूद की कोमल पत्ती को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से आराम मिला है।
अपच, अग्निमान्द्य और अफरा के लिए अमरूद बहुज ही उत्तम औषधि है। इन रोगों से पीडित व्यक्तियों को 250 ग्राम अमरूद खाना खाने के बाद खाना चाहिए।
यदि जुकाम की साधारण खांसी हो तो अधपके अमरूद को आग में भूनकर उसमें नमक लगाकर खाने से लाभ होता है।
अमरूद में विटामिन सी की अधिकता होने के कारण यह त्वचा से संबंधित बीमारियों को कम करता है और स्किन को ग्लोंइग करता है।
पेट की जलन हो, गुडगुडाहट हो, हाथ पैरों में जलन होती हो, तो हर रोज भोजन के एक घंटे बाद पके हुए एक अमरूद का सेवन करें। इससे इन बीमारी से राहत मिलेगी।
खाने के साथ अमरूद की चटनी और खाना खाने के बाद अमरूद का मुरब्बा तीन महीने तक खाने से हृदय रोग में लाभ होता है। इससे रक्त संबंधी विकार भी ठीक होता है।