रतलाम। जिले में शुक्रवार रात से शुरू
हुआ बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर सहित ग्रामीण अंचलों से होकर
गुजर रहे नदी नाले तीन दिन बाद भी उफान पर हैं। ऎसे में मुख्यालय से जुड़े करीब एक
दर्जन से अधिक गांवों का शहर से पूरी तरह से संपर्क कट गया है। इन क्षेत्रों में अब
भी नदी-नालों की पुल व रपट से करीब तीन फीट ऊपर से पानी बह रहा है।
बारिश से
सबसे ज्यादा नुकसान सड़क मार्ग को हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश सड़कें
पुल-पुलियाओं के पास पानी के तेज बहाव से कट गई हैं। ऎसे में कुछ मार्गो से छोटे
वाहनों की आवाजाही तो चल रही है, लेकिन बड़े व भारी वाहनों के पहिएं अब भी थमें हुए
हैं। यहीं हाल जिले के अन्य विकासखंडों से जुड़े कुछ गांवों का भी है। जिस कारण से
वहां के लोगों का जन-जीवन थमा सा गया है।
गांवों का कटा
संपर्क
नामली-सेमलिया मार्ग पर सोमवार को भी सेमलिया पुल के ऊपर से करीब चार फीट
पानी बहता नजर आया। ऎसे में बीते तीन दिनों से वहां रहने वाले ग्रामीण चारों और
पानी से घिरे हुए है। सेमलिया सहित नौगांवा, पल्दूना, भारोड़ा, नेगड़दा, बरबोदना,
गुणावद, मोरदा, ग्वालखेड़ी, चंदोडिया का संपर्क अब भी कटा हुआ है।
कुड़ेल नदी
पुल में दरार- खाचरौद रोड पर बरबोदना-रिंगनिया मार्ग पर कुड़ैल नदी के पुल पर दरार
आना बताई जा रही है। इसके कमजोर होने से इस मार्ग से उज्ौन जाने वाले लोगों को राह
बदलकर जाना पड़ रहा है। मार्ग दो साल पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत
बना था। करीब चार किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह से बैठ चुकी है।