शहर में दो महीने बाद हो सकता है जलसंकट, महापौर ने ली आपात बैठक
रतलामPublished: Oct 05, 2015 09:42:00 pm
महापौर ने ली जल विभाग के अधिकारियों की आपात बैठक।
(फोटो – बैठक में चर्चा करते महापौर।)
रतलाम। शहर में दो माह बाद जल संकट दस्तक दे देगा। इसकी सूचना मिलने के बाद सोमवार को महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने निगम के जल विभाग की आपात बैठक बुलाई। अधिकारियों से इस बैठक में अब तक शहर में कहां-कहां से पेयजल के स्त्रोत है, सहित कितनी कॉलोनियों में पाइप लाइन डालकर शुरू की जा चुकी है, की जानकारी ली।
शाम को 5 बजे बाद एमआईसी बैठक कक्ष में महापौर, जल विभाग के प्रभारी अधिकारी एसएस राजावत, इंजीनियर आर सक्सेना, सभी जोन प्रभारी व एमआईसी सदस्य प्रेम उपाध्याय साथ में बैठे। आयुक्त सोमनाथ झारिया बैठक में देरी से पहुंचे।
इन मामलों पर हुई चर्चा
सूत्रों ने बताया कि बैठक में महापौर ने एक-एक मुद्दों पर बात की। हालाकि बीच में दो बार अधूरे कार्यो की वजह से सही जवाब नही मिलने पर राजावत पर प्रभारी उपाध्याय जमकर नाराज भी हुए। इसके लिए महापौर ने बीच-बचाव किया। बताया जाता है कि उपाध्याय ने इस बात पर आपत्ती ली कि, समिति की जानकारी में लाए बगैर काम की मंजूरी हो रही है।
यहां तक की पेयजल संकट होने पर लोग नाराज पार्षदों से होते है, जबकि गलती अधिकारियों की रहती है। राजावत इस दौरान चुपचाप रहकर बैठे रहे। बैठक में पेयजल के स्त्रोत, बावडि़यों की स्थिति, सार्वजनिक नलकुपों की संख्या, उनमे लगी मोटरों की स्थिति, गर्मी के पूर्व होने वाले पेयजल संकट के हालात में उपाय आदि पर चर्चा हुई।
पार्षदों द्वारा की जाने वाली मांगों सहित उनकी स्थिति की भी समीक्षा की गई। शहर के विभिन्न वार्डो में डाली जाने वाली पाइप लाइन व पूर्व में डाली जा चूकी पाइप लाइन आदि के वर्तमान हाल पर भी बात की गई।
उपायों पर ध्यान रहा केंद्रीत
बैठक में विभिन्न मामलों को समझा गया हैं। वर्तमान में जो स्थिति है, उस अनुसार अगर दो माह बाद पेयजल संकट हो तो उपाय क्या व किस तरह होगा, इस पर ध्यान केंद्रीत किया गया।
-डॉ. सुनीता यार्दे, महापौर, नगर निगम