नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (जीएनआईडीए) ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को एक ग्रुप हाऊजिंग सोसायटी के निर्माण के लिए 100 एकड़ प्लॉट के अलॉटमेंट को रद्द कर दिया है। अथॉरिटी का आरोप है कि कंपनी पर इसका 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है और कंपनी एक दशक से इसका भुगतान करने में नाकाम रही है।
जीएनआईडीए ने राज्यों के खिलाफ भी अपना रुख कड़ा करने का फैसला लिया है क्योंकि इस क्षेत्र के डिवेलपर्स पर अथॉरिटी का करीब 4000 करोड़ रुपए बकाया है। अथॉरिटी का मानना है कि इससे आधारिक संरचना से जुड़ा विकास प्रभावित हुआ है और सार्वजनिक उपयोगिता की परियोजनाएं ठप्प पड़ गई हैं।
जीएनआईडीए के एक अधिकारी ने बताया कि यूनिटेक को एमयू2 सैक्टर में 2006 में प्लॉट का आबंटन किया गया था। जीएनआईडीए के सीईओ दीपक अग्रवाल ने बताया, कई बार रिमाइंडर देने के बावजूद भी डिवेलपर किस्तों के भुगतान में नाकाम रहा है।
उन्होंने बताया, हमने बिल्डर को कई नोटिस भेजे थे जिसमें आबंटन को रद्द करने की चेतावनी दी थी लेकिन डिवेलपर ने हमारी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया। रद्द करने के लिए दो नोटिस जारी किए गए और कंपनी को अंतिम नोटिस 18 नवंबर, 2015 को जारी किया गया।
जीएनआईडीए के मुताबिक, कंपनी पर इसका 1055 करोड़ रुपए बकाया है। अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया, जल्द ही हम प्लॉट को अपने कब्जे में ले लेंगे। वहीं, यूनिटेक के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनको जीएनआईडीए की ओर से इस प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है और टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है।