नए रियल एस्टेट कानून के क्रियान्वयन के बाद डेवलपर्स प्री-लॉन्च सेल नहीं कर पाएंगे। अभी तक वे बिल्कुल शुरुआती चरण में ही घर बेचना शुरू कर देते हैं। लेकिन रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के क्रियान्वयन के बाद वे किसी प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तैयार करने के बाद ही बेच पाएंगे।
नई दिल्ली. नए रियल एस्टेट कानून के क्रियान्वयन के बाद डेवलपर्स प्री-लॉन्च सेल नहीं कर पाएंगे। अभी तक वे बिल्कुल शुरुआती चरण में ही घर बेचना शुरू कर देते हैं। लेकिन रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के क्रियान्वयन के बाद वे किसी प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तैयार करने के बाद ही बेच पाएंगे।
किसी भी प्रोजेक्ट की बिक्री तब सभी जरूरी स्वीकृतियां लेने के बाद ही हो पाएगी, जो अमूमन एक लंबी प्रक्रिया होती है। नए कानून को विभिन्न राज्यों द्वारा अधिसूचित किया जा रहा है। इसके अस्तित्व में आने से रियल्टी कंपनियां कस्टमर को फ्लैट बेचने से पहले प्रोजेक्ट को या तो पूरा करने या फिर कम से कम प्रोजेक्ट के एक हिस्से को पूरा करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
रियल एस्टेट में सुस्ती और लटकने वाले प्रोजेक्ट की संख्या बढऩे से पिछले एक साल में तैयार प्रॉपर्टी की बिक्री में तेज इजाफा हुआ है। नए कानून आने से माना जा रहा है कि कस्टमर के समक्ष प्रोजेक्ट लटकने के कारण जो अनिश्चितता की तलवार अटक जाती है, उससे मुक्ति मिलेगी। कई बिल्डर्स ने कहा भी है कि अब वे पूरी तरह से तैयार करने के बाद ही किसी प्रोजेक्ट को बेचेंगे।