आप के झूठ को समझते हैं बच्चे
Published: Dec 01, 2016 07:09:00 pm
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि ढाई साल के बच्चे दूसरे की झूठी बातों को समझ सकते हैं
सिंगापुर। अगली बार अपने बच्चे से झूठ बोलते वक्त आप सावधान रहिएगा। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि ढाई साल के बच्चे दूसरे की झूठी बातों को समझ सकते हैं। वे लोगों के झूठ बोलने, धोखेबाजी और बहानेबाजी को पहचान लेते हैं। एक ‘गलत धारणा काम’ कार्यपद्धित का इस्तेमाल करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के दल ने 140 से ज्यादा बच्चों की क्षमताओं का परीक्षण किया। इनकी उम्र ढाई साल थी।
गलत धारणाएं गलतफहमियां होती हैं जो गलत तर्क का परिणाम होती हैं। शोधकर्ताओं ने संदेह जताया कि बच्चों को इसे समझने के लिए ज्यादा विकसित होना चाहिए या उन्हें जानने के लिए एक समय में बहुत सी सूचनाएं होती हैं। हालांकि निष्कर्षों से पता चलता है कि संज्ञानात्मक क्षमताओं में ढाई साल के बच्चे पूर्व विचार की तुलना में ज्यादा विकसित रहे।
सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलोजिकल विश्वविद्यालय (एनटीयू) के सहायक प्रोफेसर सेटोह पी पी ने कहा, हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि करीब ढाई साल की उम्र के बच्चे माता-पिता जब झूठ बोलते है तो पहचान जाते हैं। युवा बच्चों के माता और छोटे बच्चों के शिक्षकों को इस बारे में जागरूक रखना चाहिए कि बच्चों के शुरुआती संज्ञानात्मक क्षमताएं पहले के
विचारों से ज्यादा उन्नत हो सकती है।
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एक संशोधित कहानी एम्मा और उसक सेब का इस्तेमाल किया। इसमें सेब को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। इसके बाद बच्चों को दो वस्तु चित्रों को दिखाया गया और अतिरिक्त जगहों से जुड़े सवालों को पूछा गया। इसके बाद उनसे पूछा गया कि एम्मा अपने सेब को कहां खोजेगी।
इसके परिणाम में सामने आया कि छोटे बच्चे जागरूक थे कि दूसरे लोग उनके अलग मान्यताओं को पकड़ सकते हैं, लेकिन जानकारी की शक्ल नहीं दे पाने के लिए वह इसे प्रदर्शित कर पाने में सक्षम नहीं थे। इस अध्ययन का प्रकाशन ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ दि नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस)’ में किया गया है।