रक्षाबंधन स्पेशल : हमें भाई चाहिए, बॉडीगार्ड नहीं…
Published: Aug 13, 2016 11:09:00 am
वक्त के साथ साथ अब लड़कियां खुद की सुरक्षा करने में सक्षम बन रही हैं
जयपुर। एक जमाना था, जब भाई-बहन के बीच शर्म व डर के साथ बेहद दूरी भरा रिश्ता होता था। बहनें भाई से हर किस्म की बात नहीं कर पाती थी। मर्यादाओं का बनाया गया पर्दा इस रिश्ते में हमेशा झूलता रहा है। लेकिन अब भाई-बहन का रिश्ता इन पुरानी परिभाषाओं को तोड़ रहा है। बहुत हद तक अब भाई कोई डरावनी चीज नहीं रहा, न ही उसका फर्ज सिर्फ बहन की रक्षा तक सीमित है। अब भाई-बहन के इस रिश्ते में मीठी-सी तकरार, बराबरी का दर्जा और न जाने क्या-क्या नया कुछ देखने को मिल रहा है, लेकिन अब नहीं मिलता तो वो पहले वाला डर। हां, मैं इस बात से सहमत हूं कि अभी हर भाई इतना या इस हद तक प्यारा नहीं हुआ, लेकिन बदला तो है।
मेरी हर बात जानता है भाई
चेन्नई में रहने वाली सौम्या सुदर्शना बताती हैं कि मेरे और मेरे भाई के बीच कोई बात छिपी नहीं। हम एक-दूसरे को सारी बातें बताते हैं। यहां तक कि मैं क्या करियर चुनना चाहती हूं, दोस्तों से क्या बातें करती हूं आदि, वह सब जानता है। सौम्या कहती हैं कि मैं चेन्नई में रहती हूं और मेरा भाई बेंगलूरू में। जहां तक रक्षा कि बात है तो मुझे नहीं लगता कि इसके लिए मुझे भाई की जरूरत है। मैं भाई को राखी बांधती हूं इस वादे के साथ कि वह हमेशा मानसिक तौर पर मेरे साथ रहे और मुझे समझे।
मेरा भाई मेरा बेस्ट फ्रेंड है
मुंबई में रहने वाली मोनिका कन्नौजिया कहती हैं कि दुनिया में मेरा कोई बेस्ट फ्रेंड हैं, तो वह मेरा भाई ही है। यूं तो हम रोज बात नहीं करते, लेकिन मुझे कोई भी तकलीफ या दुख-दर्द हो तो वह सबसे पहला शख्स रहता है, जो मेरे लिए खड़ा रहता है।
बदला है हमारा रिश्ता
आगरा की योजना पांडेय का कहना है कि अब दफ्तरों में पुरुष और महिलाएं लगभग बराबरी की संख्या में काम करने लगे हैं। इसलिए अब हर रिश्ते में बदलाव आया है। मेरे भाई को भी अब मेरे साथ दोस्ती करने में कोई परेशानी नहीं होती, जैसे पहले होती थी।