script

10 वास्तु टिप्स जिनसे खिल उठेगा आपका घर

Published: Apr 16, 2015 04:47:00 pm

वास्तु
से जुड़ी कुछ उपयोगी बातें दैनिक व्यवहार में अपनाई जाएं तो जीवन में सकारात्मक
असर दिखाई देने लगता है

Vastu Tips

Vastu Tips

वास्तु से जुड़ी कुछ उपयोगी बातें दैनिक व्यवहार में अपनाई जाएं तो जीवन में सकारात्मक असर दिखाई देने लगता है

सूर्योदय से पूर्व उठने की आदत डालें। इससे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जो तन, मन एवं मस्तिष्क को शांत करती है।

प्रात: काल आसपास के खुले स्थान, पार्क या भवन की छत पर जाकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके थोड़ा व्यायाम करें और लंबी सांस लें। इससे प्रकृति में सुबह के समय व्याप्त सकारात्मक ऊर्जा यानी ऑक्सीजन का भरपूर उपयोग करके आप शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन करते समय आपका मुख सदा पूर्व या उत्तर में रहे। कभी भी पलंग पर बैठकर, खड़े होकर या आड़े-तिरछे बैठकर भोजन न करें। भोजन या तो भूमि पर आसन बिछाकर करें या फिर डायनिंग टेबल का प्रयोग करें। विधिवत भोजन करने से शरीर चुस्त-दुरूस्त रहता है।

खाना खाते वक्त टेलीविजन नहीं देखें, इससे उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से सभी ज्ञानेंद्रियों पर विपरीत असर पड़ता है। इससे पेट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अत: भोजन करते समय टेलीविजन न देखकर पारिवारिक दिनचर्या पर थोड़ी गपशप कर सकते हैं।

दवाइयों को डायनिंग टेबल पर नहीं रखें, ये नकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती हैं। ऎसा करके हम दवाइयों को भोजन का हिस्सा बनाने का निमंत्रण देते हैं, ऎसा नहीं करें।

यदि घर में बच्चों या वृद्धों के लिए कुछ टॉनिक आदि का प्रयोग कर रहे हों तो ऎसे टॉनिक की शीशियां व डिब्बे घर की पूर्व दिशा में बनी आलमारियों में रखें और किसी बीमारी से संबंधित दवाइयों को दक्षिण या पश्चिम में रखें।

भोजन पूर्व की तरफ मुंह करके ही बनाएं। यह सेहत के लिए उत्तम तथा सुखदायी होता है। रसोईघर आग्नेय कोण में ही बनाएं। रसोईघर की व्यवस्था उत्तर-पूर्व में न करें। यह धन तथा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। ज्वलनशील पदार्थो को दक्षिण-पूर्व में रखें।

भोजन जब भी हो सके परिवारजनों के साथ करें। अकेले भोजन करने से बचें।

रसोईघर की दीवारों का रंग हल्का पीला, नारंगी या हल्का लाल रखें। जिससे भोजन सुपाच्य होकर भूख बढ़ाने में सहायक साबित होगा।

जब एक साथ मिलकर सभी खाना खा रहे हों तो घर के मुखिया का मुंह पूर्व में तथा अन्य सदस्यों का मुंह उत्तर या पश्चिम में होना चाहिए। दक्षिणामुख कभी नहीं बैठें। हाथ आदि साफ कर प्रसन्नतापूर्वक खाने से आरोग्यता बढ़ती है।

ट्रेंडिंग वीडियो