पिछले जन्म के कर्म, संस्कार, संबंध, अधूरी इच्छाओं को ही ऋणानुबंधन कहा जाता है, इसी के चलते हमें अनजान लोगों से अपनापन अनुभव होता है
Leopard saves baby baboon
हिंदू धर्म के अनुसार हमारे पिछले जन्मों में किए गए कर्म ही इस जन्म का भाग्य बनते हैं। यही नहीं पिछले जन्म के संबंध इस जन्म में भी रहते हैं। पिछले जन्म के कर्म, संस्कार और बाकी रहे संबंध, इच्छाओं आदि को ही ऋणानुबंधन कहा जाता है। शायद यही कारण है कि पुराने ऋणानुबंधनों के चलते हम कुछ अनजान लोगों से मिल कर भी उनके साथ अपनापन महसूस करने लगते हैं। वहीं दूसरी ओर हम अपने कुछ विशेष संबंधियों को देखकर चाह कर भी खुश नहीं हो पाते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि पिछले जन्मों में हमें किसी व्यक्ति विशेष से बहुत लगाव होता है तो इस जन्म में वह व्यक्ति जब भी हमारे सामने आएगा, हम उसके प्रति अपनापन और स्नेह महसूस करेंगे चाहे यह पहली ही मुलाकात हो। इसी तरह पिछले जन्म में अगर किसी ने हमारा कुछ बुरा किया हो तो हमें इस जन्म में भी उससे घृणा ही अनुभव होगी भले ही उसने हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा हो।
शायद इसी वजह से ऎसा ही कुछ इस तेंदुए के साथ हुआ जिसने एक लंगूर का शिकार किया लेकिन उसके नवजात बच्चे को नहीं मार सका और मां बनकर उसकी रक्षा करने लगा। वीडियो में देखें कि किसी तरह से तेंदुए के चेहरे के भाव एकदम से बदल जाते हैं, देखें वीडियो में
इस तरह से पहचान सकते हैं पुराने जन्म के रिश्तों को
कुछ योगी तथा उच्च स्थिति प्राप्त साधक किसी के भी पिछले, अगले तथा वर्तमान जन्मों के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा हिप्नोसिस के जरिए भी आप अपने पिछले जन्म तथा उससे जुड़ी बातों के बारे में जान सकते हैं।