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इस लड़की की हड्डियां टूट जाती हैं, लेकिन जिद नहीं टूटती

Published: Apr 26, 2016 07:00:00 pm

अंकिता को ओस्टोजेनेटिक इनपराफेक्टा बीमारी है जिसके चलते उसके पेन की कैप उतारने में ही हाथ की हड्डियां टूट जाती है

Inspiration life

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यूं तो दुनिया में फौलादी दिल वालों की कमी नहीं है फिर भी ऐसे लोग कम ही होते हैं जो बुरी से बुरी किस्मत को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसे ही लोगों में एक नाम है 24 साल की अंकिता नायडू का। अंकिता को ओस्टोजेनेटिक इनपराफेक्टा बीमारी है जिसके चलते उसके शरीर की हड्डियां बहुत नाजुक हो चुकी है और पैन की कैप उतारने जैसे हल्के-फुल्के कामों से ही टूट जाती है। मगर उसकी जिद नहीं टूटती।

दो बहनों में बड़ी अंकिता अपनी बीमारी के चलते ठीक से बैठ भी नहीं सकती। उसे दिन भर लेटे रहना होता है। उसकी लंबाई भी केवल तीन फीट ही हो पाई है फिर भी उसने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर न केवल बीसीए पूरा किया वरन एमबीए कर नौकरी भी करना चाहती है। यही नहीं, अंकिता ऑनलाइन सोशल मीडिया फेसबुक और वाट्सएप पर भी सक्रिय है।

माता-पिता ने दिया मानसिक संबल
एक प्राइवेट एम्प्लाई पिता और टीचर मां की संतान अंकिता बचपन में ही इस बीमारी की चपेट में आ गई थी। उसके माता-पिता बताते हैं कि उसने बीमारी के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और चुनौतियों से लड़ती रही। बारहवीं करने के बाद उसने बीसीए किया। बिस्तर पर लेट कर ही उसने पढ़ाई की और कम्प्यूटर की नॉलेज ली। सभी परीक्षाएं भी उसने लेटकर ही दी। उसके पिता ही उसे गोद में लेकर सेंटर तक जाते हैं और वापस लाते हैं।

करना चाहती है नौकरी
बीसीए के बाद अंकिता एमबीए की तैयारी कर रही है। वह आगे पढ़ाई के बाद नौकरी करना चाहती है। उसने बैंक की कई परीक्षाएं भी दी है। अंकिता कहती है कि मैं खुद का खर्च उठाने और घर के लिए कुछ करने की इच्छा पूरी करने के लिए नौकरी भी करना चाहती हूं। वह अपने माता-पिता की तारीफ करते हुए कहती है कि मेरे माता-पिता ने कभी मेरी बीमारी को मेरे सपनों के बीच नहीं आने दिया। मैं खुश हूं कि मैं अब भी माता-पिता की गोद में रहती हूं।
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