लम्बा सफर कुछ दूरी पर सिमटा
बूंदी-लाखेरी मार्ग पर स्थित पहाड़ी को चीरकर उसमें रास्ता बनाने के बाबा के काम ने जिले के दर्जनों गांवों के लोगों की राह आसान कर दी। नैनवां मार्ग पर स्थित मांडपुर गांव से लाखेरी मार्ग पर स्थित गेण्डोली तक पहुंचने के लिए पहले ग्रामीणों को खटकड़ होते हुए करीब तीस किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। इस दूरी को कम करने के लिए बाबा ने दोनों गांवों के बीच स्थित पहाड़ी से रास्ता बना डाला। अब इन गांवों में आने जाने के लिए सिर्फ ढाई से तीन किमी लम्बा रास्ता पार करना पड़ता है। रोजमर्रा के कामकाज के लिए आने-जाने में ग्रामीणों की राह अब आसान हो गई है। ग्रामीणों के मुताबिक इस पहाड़ पर बरसों पहले सिर्फ मवेशियों को लाने-ले जाने के लिए एक पगडंडी हुआ करती थी। राह इतनी मुश्किल थी कि कई बार तो मवेशी भी जख्मी हो जाते थे।
सरकार का नहीं मिला साथ
संत के इस काम में आमजन का तो भरपूर साथ मिला, लेकिन सरकार का नहीं। संत बजरंग दास ने बताया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मिलकर कई बार इस मार्ग के डामरीकरण की मांग उठाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यही वजह है कि अब भी बरसात के दिनों में लोगों को इस मार्ग से गुजरने में परेशानी उठानी पड़ती है।