चाणक्य की 8 बातें, जिन्हें मानने से दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है
आचार्य चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं जिनकी पालना कर कोई भी व्यक्ति सहज ही सफलता प्राप्त कर सकता है
आचार्य चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं जिनकी पालना कर कोई भी व्यक्ति सहज ही सफलता प्राप्त कर सकता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें जिन्हें मानने से आपका जीवन बदल जाएगा।
(1) जिस प्रकार सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर तथा पीट कर की जाती है, उसी प्रकार व्यक्ति की भी परीक्षा वह कितना त्याग करता है, उसका आचरण कैसा है, तथा वह कितना गुणवान और व्यवहारी है, से की जाती है।
(2) जिस प्रकार बेर के झाड़ से पैदा हुए सभी बैर एक जैसे नहीं होते वैसे ही अनेकों व्यक्ति जो एक ही गर्भ से पैदा हुए हैं या एक ही नक्षत्र में पैदा हुए हैं, वे सभी एक से नहीं होते।
(3) मूर्ख लोग बुद्धिमानों से ईर्ष्या करते हैं, गलत मार्ग पर चलने वाली पवित्र स्त्रियों से ईर्ष्या करती है, बदसूरत स्त्री सुन्दर स्त्री से ईर्ष्या करती है।
(4) वह व्यक्ति जिसके हाथ स्वच्छ है, काम नहीं करना चाहता। जिस ने अपनी कामनाओं को समाप्त कर लिया है, वह शारीरिक श्रृंगार नहीं करता, अधूरे ज्ञान वाला मीठे बोल नहीं बोलता और जो सीधी-सपाट बात करता है वह किसी को धोखा नहीं दे सकता।
(5) व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है, अकेले ही मरता है। अपने कर्मों के शुभ-अशुभ परिणाम भी अकेले ही भोगता है, अकेले ही नरक में जाता है या सदगति प्राप्त करता है।
(6) यात्रा के दौरान विद्या मित्र होती है, घर में पत्नी मित्र है, बीमार होने पर दवा मित्र है और मृत्यु के बाद जीवन में अर्जित किए गए पुण्य ही एकमात्र मित्र होते हैं।
(7) वर्षा के जल के समान कोई जल नहीं, स्वयं की शक्ति के समान कोई शक्ति नहीं, नेत्र ज्योति के समान कोई प्रकाश नहीं और अन्न से बढ़कर विश्व में कोई संपत्ति नहीं।
(8) हर व्यक्ति के पांच माता-पिता होते हैं, जिनके प्रति उसे अपने कर्तव्य निभाना चाहिए।
ये हैं व्यक्ति के पांच पिता
(1) जिसने आपको जन्म दिया
(2) जिसने आपका यज्ञोपवीत संस्कार किया
(3) जिसके आपको विद्यादान किया
(4) जिसने आपको भोजन दिया
(5) जिसने आपका बुरे समय में साथ दिया
ये हैं व्यक्ति की पांच माताएं
(1) स्वयं की माता
(2) गुरु की पत्नी
(3) पत्नी की माता
(4) राजा की पत्नी
(5) पत्नी की माता
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