इंद्रा देवी: इन्होंने अमरीकी महिलाओं में किया योग को मशहूर
Published: Jun 21, 2015 11:36:00 am
रूस में जन्मी इंद्रा देवी दुनिया की पहली महिला योग गुरू थी, वह 100 साल की उम्र में भी योग का अभ्यास सहजता से कर लेती थीं
Worlds first female Yoga Teacher Indira Devi
जिस योग को सिर्फ पुरूषों के साथ जोड़कर देखा जाता था, प्रसिद्ध हॉलीवुड अभिनेत्री मार्लिन मुनरो को योग सिखाने वाली इंद्रा देवी ने इस कथित मान्यता पर विराम लगा दिया। महिलाओं के बीच उन्होंने योग को इतनी प्रसिद्धि दिलाई कि आज अमरीका में योग करने वाले पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या चौगुनी है। मूल रूप से रूस से ताल्लुक रखने वाली इंद्रा देवी का असली नाम यूजीन वी पीटरसन था। भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर वे 1927 में भारत आई और यहां उन्होंने तिरूमलाई कृष्णामचार्य के नेतृत्व में योग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1938 में वे योग सीखने वाली पहली विदेशी महिला बनीं। उन्होंने अमरीका, वियतनाम, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको आदि देशों में योग का प्रचार-प्रसार किया।
गुरू ने मना कर दिया था सिखाने से
जब यूजीन आधुनिक योग के जनक तथा प्रसिद्ध योग गुरू तिरूमलाई कृष्णाचार्य के पास योग सिखने पहुंची तो पहली बार में ही उन्होंने उन्हें योग सिखाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वह एक औरत और वह भी विदेशी को हर्गिज योग नहीं सिखा सकते। फिर भी यूजिन के काफी प्रार्थना करने के बाद वह उन्हें योग सिखाने को तैयार हुए। उन्होंने उन्हें योग गुरू पट्टाभाई जोएस और बीकेएस आयंगर के साथ ही योग सिखाना निर्धारित किया और कड़ा प्रशिक्षण दिया। यूजीन ने अपने गुरू के दिए हर चैलेंज को पूरा करते हुए कुछ ही वर्षो में योग में महारथ हासिल कर ली।
चीन में खोला था पहला योग स्कूल
यूजीन ने इसके बाद अपना नाम बदल कर इंदिरा देवी रख लिया। उनके पति की पोस्टिंग चीन में हो गई जहां उन्होंने अपना पहला योग स्टूडियो खोला। यह काफी प्रसिद्ध हुआ। इसके बाद वह अमरीका आ गई, जहां उनकी योग कला को खासी प्रसिद्धी मिली। अमरीका की तमाम हस्तियां उनके योग की दीवानी हो गई। उन्हें लेडी ऑफ योगा कहा जाने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने यूरोप में भी योग सिखाना शुरू किया। कई मायनों में वह आधुनिक विश्व की पहली महिला गुरू थी जिन्होंने भारत में जन्म नहीं लेकर भी भारतीय योग विद्या को दुनिया भर में फैलाया।