scriptप्राणायाम से मिलती हैं आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियां | Hindu breathing style Pranayam given supernatural, spiritual powers | Patrika News

प्राणायाम से मिलती हैं आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियां

Published: Dec 30, 2015 10:35:00 am

प्राणायाम के जरिए जैसे ही प्राण को साधा जाता है, मन अपने आप सधने लगता है

meditation

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प्राणायाम के जरिए जैसे ही प्राण को साधा जाता है। मन अपने आप सधने लगता है और फिर साधक अंतर्मुखी साधना की शुरुआत करता है।

प्राणायाम

हम जीवनभर बाहर की बातों में ही उलझे रहते हैं। सभी इंद्रियां अपने-अपने विषयों में दौड़ती रहती हैं। इसे ही भोग कहते हैं। लेकिन योग साधना में इन सभी इंद्रियों के विषयों को व्यक्ति बाहर ही रोककर ध्यान की अवस्था में बैठकर स्वयं को शून्य में स्थिर कर लेता है।

प्राण को प्राणायाम के जरिए काबू में लाकर आने-जाने वाली सांस की गति को एक जैसा कर लेता है। इससे मन हमारे प्राण से शक्ति पाता है। प्राणायाम के जरिए जैसे ही प्राण को साधा जाता है। मन अपने आप सधने लगता है और फिर साधक अंतर्मुखी साधना की शुरुआत करता है।

विचार

मन का कोई अस्तित्व नहीं होता सिर्फ विचार होते हैं और विचार मन से हमेशा अलग होते हैं। वे ऐसी वस्तु नहीं है, जो तुम्हारे स्वभाव के साथ एकाकार हों, वे आते हैं और चले जाते हैं..तुम बने रहते हो, तुम स्थिर होते हो। तुम ऐसे हो जैसे कि आसमान, यह कभी आता नहीं, जाता नहीं, यह हमेशा यहां है।

बादल आते हैं और जाते हैं, वे क्षणिक हैंं। तुम विचार को पकडऩे का प्रयास भी करो तो रोक नहीं सकते। उसे जाना ही होगा, उसका अपना जन्म और मृत्यु है। विचार तुम्हारे नहीं हैं, वे तुम्हारे नहीं होते हैं। वे आगंतुक की तरह आते हैं, लेकिन वे मेजबान नहीं हैं।

ईश्वर

ईश्वर शब्द के अनेक अर्थ हो सकते हैं, लेकिन शब्द का साधारण अर्थ है नियंता। जो इस विश्व कल्पना का नियंत्रण करता है, वह ईश्वर है। दार्शनिक भाषा में ‘ईश्वर’ शब्द का एक और अर्थ समझा जाता है। सब बंधनों से मुक्त पुरुष को दार्शनिक भाषा में ईश्वर कहा जाता है। छोटा-मोटा दार्शनिक मतभेद चाहे जो भी हो, पर साधक की दृष्टि से ईश्वर सगुण ब्रह्य या भगवान को छोड़कर कुछ भी नहीं हैं।


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