जयपुर। बुधवार को देशभर में करवा चौथ की धूम है। वैसे यह त्यौहार दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तरी भारत में ज्यादा प्रसिद्ध है। कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां करवा चौथ नहीं, बल्कि तीज का महत्व सर्वाधिक है। जहां तक करवा चौथ की बात है, तो यह व्रत कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन किया जाता है। जिसका अनुसरण गुजरात, महाराष्ट्र, और दक्षिणी भारत में किया जाता है।
गौरतलब है कि विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों को पूरी निष्ठा से करती हैं। विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अध्र्य अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं। करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किए बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है। करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा चौथ के चार दिन बाद पुत्रों की दीर्घायु और समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है।
चंद्र उदय का मुहूर्त
दिल्ली: रात 8:29 बजे
चंडीगढ़: रात 8:46 बजे
जयपुर: रात 8:58 बजे
जोधपुर: रात 9:10 बजे
मुंबई: रात 9:22 बजे
बंगलुरु: रात 9:12 बजे
हैदराबाद: 9:22 बजे
देहरादून: रात 8:44
पटियाला और लुधियाना: रात 8:50 बजे
पटना: रात 8:46 बजे
लखनऊ और वाराणसी: रात 8:37 बजे
कोलकाता: रात 8:13 बजे होंगे चंद्रमा के दर्शन