scriptगरूड़ पुराण के अनुसार महिलाओं को कभी नहीं करने चाहिए ये काम | mahilaen kabhi na karen yah kaam | Patrika News

गरूड़ पुराण के अनुसार महिलाओं को कभी नहीं करने चाहिए ये काम

Published: Dec 19, 2016 04:06:00 pm

Submitted by:

राहुल

पुराणों में कई तरह की बातों का वर्णन किया गया है
जिन्हें जान कर कोई भी दंपत्ति, महिला या पुरुष एक सुखद गृहस्थ जीवन यापन
कर सकता है। गरुड़ पुराण में भी गृहस्थ जीवन के लिए उपयोगी अनेक बातें बताई
गई हैं..

mahilaen kabhi na karen yah kaam

mahilaen kabhi na karen yah kaam

पुराणों में कई तरह की बातों का वर्णन किया गया है जिन्हें जान कर कोई भी दंपत्ति, महिला या पुरुष एक सुखद गृहस्थ जीवन यापन कर सकता है। गरुड़ पुराण में भी गृहस्थ जीवन के लिए उपयोगी अनेक बातें बताई गई हैं। गरुण पुराण एक ऐसा ग्रन्थ है जो मनुष्य जीवन को सुखी बनाने के बारे में भी कई तरह की सुखद बातें बताता है।

इसमें महिलाओं के लिए ऐसी बातों का भी उल्लेख किया गया है जो उनके जीवन को नष्ट होने से बचाती हैं। जानिए, उन बातों के बारे में जिनसे महिलाओं को बचना चाहिए।

Related image
1- गरुड़ पुराण कहता है कि किसी भी महिला को अत्यधिक विरह से बचना चाहिए अर्थात अपने जीवन साथी से दीर्घकाल तक दूर नहीं रहना चाहिए।

इससे उसे पारिवारिक स्तर पर अनेक समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत: सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन के लिए अच्छा है कि वह अपने जीवन साथी के साथ ही रहे।

2- स्त्री हो या पुरुष, हमेशा अच्छे चरित्र के लोगों से ही मित्रता करनी चाहिए।बुरे चरित्र के लोग न केवल खुद का पतन कराते हैं, बल्कि उनके कारण वे लोग भी पतन को प्राप्त होते हैं जो उनके साथ रहते हैं।

दुष्ट चरित्र के लोगों का शीघ्र ही त्याग कर देना चाहिए। बेहतर होगा कि ऐसे लोगों की संगति कभी न करें।महिलाओं का इनसे दूर रहना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि संपूर्ण गृहस्थी उन्हीं पर केंद्रित है।

Image result for गरुण पुराण
3- महिलाओं को हर व्यक्ति का यथायोग्य सम्मान करना चाहिए और यह बात सबके लिए लागू होती है।वर्तमान में किया गया अपमान भविष्य में विनाश का कारण भी बन सकता है, इसलिए कभी किसी को दुर्वचन, कठोर बातें नहीं कहनी चाहिए।

जो महिला परिजनों के साथ वार्तालाप में कठोर शब्दों का प्रयोगकरती है, कोई आश्चर्य नहीं कि उसके घर में शांति कायम नहीं रहती।

4- महिला के लिए जरूरी है कि उसका जीवन सुरक्षित हो, मान-सम्मान की रक्षा हो।इसके लिए आवश्यक है कि वह स्वयं के घर में रहे। पराए घर में लंबे समय तक रहने से वहां न तो मान-सम्मान होता है और न ही उसका जीवन सुरक्षित रह सकता है।

इससे उसकी छवि नष्ट होने का भय रहता है। अत: असुविधाओं से बचने के लिए उसे स्वयं के ही घर में रहना चाहिए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो