आज के जमाने में भी ऎसे लोगों की कमी नहीं है जो
छींक को अशुभ मानते हैं। परन्तु
ज्योतिषियों और शास्त्रों के अनुसार छींक बेहद शुभ मानी जाती है। इसके अतिरिक्त यदि छींक जुकाम या सर्दी लगने की वजह से अथवा नसवार सूंघने की वजह से हो तो उसका भी कोई दुष्प्रभाव नहीं माना जाता। आइए जानते हैं छींक का आना कब शुभ होता है और कब अशुभः
ये भी पढ़ेः नींबू-लौंग के ये टोटके 24 घंटों में दूर करेंगे आपकी हर समस्याये भी पढ़ेः बारह पताशे और मोरपंख दिलाते हैं कालसर्प योग, राहू से छुटकारा(1) यदि आप किसी काम के लिए रवाना हो रहे है और कोई पीछे से छींक दे तो समझिए कि आपका कार्य शत प्रतिशत पूर्ण होगा।
(2) नए कपड़े पहनते समय अगर कोई छींक दे तो यह दुगुनी खुशी मिलने का संकेत है। जल्दी ही आपको और भी अधिक नए कपड़े मिलने वाले हैं।
(3) दुर्घटनावश किसी अशुभ प्राकृतिक संकेत को देखते समय छींक आ जाने से सभी अशुभ असर दूर हो जाते हैं।
(4) अगर कोई शुभ कार्य करते समय छींक दिया हो तो उस काम के पूरा होने में बाधा ही रहती है, परन्तु एक छींक के बाद दुबारा छींक आ जाए तो सब कुछ बढिया ही होता है।
(5) मरीज यदि इलाज करवाने अस्पताल जा रहा है और अंदर घुसते समय छींक आ जाए तो इसे अत्यन्त शुभ माना जाता है। हालांकि कई जगहों पर इसके खिलाफ भी धारणा मानी जाती है।
(6) भोजन करने के बाद छींक का आना या छींकना जल्दी ही शुभ और सुस्वादु भोजन मिलने का प्रतीक है।
ये भी पढ़ेः अचूक टोटके, बिना पैसे खर्च किए दूर होगी आपकी हर समस्याये भी पढ़ेः मां काली को करें दीपदान, उसी रात दूर होगी हर विपत्तिइनके अलावा सभी छींकें अशुभ तथा अपशकुन करने वाली होती हैं। जब भी ऎसे अपशकुन हो उसी समय “ऊँ राम रामेति शांति शांति” का जप कर लें अथवा किसी निकट के मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर बांट दें। इससे छींक का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है।
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