scriptरामचरित मानस के इन मंत्रों से होगा आपकी हर समस्या का समाधान | Powerful Mantras of Ramcharitmanas to solve every problem in life | Patrika News

रामचरित मानस के इन मंत्रों से होगा आपकी हर समस्या का समाधान

Published: Nov 26, 2015 03:01:00 pm

रामचरित मानस की लिखे गए शक्तिशाली मंत्रों के माध्यम से आप अपने जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी
कठिनाईयों को भी दूर कर सकते हैं

sri ramcharit manas mantra

sri ramcharit manas mantra

भारतीय जन-जन में प्रतिष्ठित धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस की चौपाईयां पाठकों के मन पर अद्‍भुत प्रभाव डालते हैं। इनकी सहायता से भक्तजन जहां भगवान तथा मोक्ष को प्राप्त करते हैं वहीं दूसरी ओर साधारण जन इन मंत्रों के माध्यम से अपने जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी कठिनाईयों को भी दूर करते हैं। इन्हें चमत्कारिक मंत्र भी कहा जा सकता है।

इनकी सहायता से किसी भी समस्या को सहज ही दूर किया जा सकता है। इनके लिए किसी विशेष विधि-विधान की जरूरत नहीं होती। केवल मात्र हनुमानजी महाराज तथा भगवान श्रीराम को स्मरण कर सच्चे मन से इनका जप करें और तुरंत ही आपकी समस्या का समाधान हो जाता है। आइए जानते हैं कि किसी समस्या को रामचरित मानस की कौनसी चौपाई दूर कर सकती हैः

झगड़े में विजय प्राप्ति के लिए

कृपादृष्‍टि करि वृष्‍टि प्रभु अभय किए सुरवृन्द।
भालु कोल सब हरषे जय सुखधाम मुकुंद ।।

विद्या प्राप्ति के लिए


गुरू गृह गए पढ़न रघुराई। अल्प काल विद्या सब आई।।

यात्रा की सफलता के लिए

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा।
ह्रदय राखि कोसलपुर राजा।।

ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए

लगे सवारन सकल सुर वाहन विविध विमान।
होई सगुन मंगल सुखद क‍रहि अप्सरा गान।।

दरिद्रता मिटाने के लिए

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।
जे सकाम नर सुनहि जे गावहि। सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

संकट नाश के लिए

दिन दयाल बिरिदु सम्भारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

जीविका प्राप्ति के लिए

विस्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

सभी प्रकार की विपत्ति नाश के लिए

राजीव नयन धरे धनु सायक। भगत विपत्ति भंजक सुखदायक।।

विघ्न निवारण के लिए

सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही। राम सुकृपा बिलोकहि जेही।।

आकर्षण के लिए

जेहि के जेहि प‍र सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।

परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए

जेहि पर कृपा करहि जनु जा‍नी। कवि उर अजिर नचावहि बानी।।
मोरि सुधारिहि सो सब भाँति। जासु कृपा नहि कृपा अघाति।।

धन-दौलत, सम्पत्ति पाने के लिए

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि। सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

पुत्र पाने के लिए

प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।

शादी के लिए

तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।
मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥

जहर उतारने के लिए

नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

नजर उतारने के लिए

स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

हनुमानजी की कृपा के लिए

सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।

अकाल मृत्यु भय व संकट दूर करने के लिए

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।

शत्रुता मिटाने के लिए

बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥

सभी तरह के संकटनाश या भूत बाधा दूर करने के लिए

प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥

सिरदर्द या दिमाग की कोई भी परेशानी दूर करने के लिए

हनुमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।

बीमारियां व अशान्ति दूर करने के लिए

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥
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