जयपुर। तंत्र शास्त्र में विशेष स्थान पाने वाली हत्था जोड़ी अपनी चमत्कारिक शक्तियों के कारण प्राचीन काल से प्रसिद्ध है। हत्था जोड़ी को साक्षात् महाकाली और कामाख्या देवी का स्वरूप माना जाता है। हत्था जोड़ी एक पौधे की जड़ है, जो कंगाल को भी मालामाल बनाने की क्षमता रखती है। मां काली और कामाख्या देवी की साधना में दस महाविद्याओं का अभिन्न अंग है हत्था जोड़ी।
कैसे प्राप्त करें...
हत्था जोड़ी को प्राप्त करने का सबसे खास दिन रवि पुष्य का दिन माना जाता है। रविवार के पुष्य नक्षत्र में इस जड़ को प्राप्त करना चाहिए। हत्थो जोड़ी प्राप्त करने के पश्चात् गंगाजल से इसकी सफाई करें और 1 महीने तक इसे तिल के तेल में डालकर रखें। इसके पश्चात अनुष्ठान कर के सिंदूर में डालकर स्थापति करें। चामुंडा मंत्र का जाप करना शुभ फलदायक होता है।
लाभ…
-हत्था जोड़ी किसी कंगाल व्यक्ति को मालामाल बना सकती है।
– इस जड़ के प्रभाव में दरिद्रता और पैसे से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।
– मुकदमें में जीत और शत्रु को परास्त करने में हत्था जोड़ी काफी मददगार सिद्ध होता है।
-इसकी जड़ वशीकरण और भूत-प्रेत जैसी बाधाओं को भी दूर करती है।
-आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए हत्था जोड़ी विशेष लाभकारी उपाय है।
– हत्था जोड़ी के प्रभाव में व्यापार में वृद्धि होती है।
कैसे प्रयोग करें -:
-मंदिर अथवा तिजोरी में हत्था जोड़ी स्थापित करने के बाद रोज उसके आगे चामुंडा मंत्र का जाप करें।
– किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय हत्था जोड़ी को अपनी जेब में रखें।
-शत्रु या विरोधी परेशान कर रहे हैं, तो इस जड़ को ताबीज बना कर अपने गले में डाल लें।
ध्यान रखें:
-हत्था जोड़ी को कियी शुभ मुहूर्त में ही प्राप्त करें।
-इसकी पवित्रता को कायम रखने हेतु इसे स्वच्छ स्थान पर ही रखें।
– गलत कार्यों की पूर्ति हेतु इस जड़ का प्रयोग कदापि न करें।
-यदि आपके पास सिद्ध हत्था जोड़ी है, तो इस बारे में किसी को न बताएं। ऐसा करने से हत्था जोड़ी का शुभ प्रभाव कम होता है।