सौंदर्य से मिलती है प्रसन्नता
Published: May 20, 2015 10:10:00 am
योगेश्वर
कृष्ण गीता में कहते हैं, “बन्धुरात्मात्मनस्तस्य यैनात्मैवात्मना जित: अनात्मनस्तु
शत्रुत्वे वर्तेतात्मैव शत्रुवत्।”
Beautiful Girl Miranda Kerr
अंग्रेजी का एक लोकप्रिय मुहावरा कहता है कि सच्चा सौंदर्य सदैव मन को प्रफुल्लित करने वाला होता है। “अ थिंग ऑफ ब्यूटी इज दि जॉय फॉर एवर।”
शरीर और मन के परस्पर रिश्तों की तुलना करते हुए योगेश्वर कृष्ण गीता में कहते हैं, “बन्धुरात्मात्मनस्तस्य यैनात्मैवात्मना जित: अनात्मनस्तु शत्रुत्वे वर्तेतात्मैव शत्रुवत्।” अर्थात् जिस व्यक्ति ने इंद्रियों और मन सहित शरीर को भी जीत लिया है, उस जीवात्मा का तो वह आप ही मित्र बन जाता है लेकिन जिसने मन और इंद्रियों सहित शरीर नहीं जीता, उसके लिए वह स्वयं ही शत्रु के समान है।
यहां तात्पर्य साफ है कि मन की विजय के साथ ही दुनिया में उन सभी कषायों की जीत का मार्ग प्रारंभ हो जाता है जो कलुष की कालिमा से दूर ले जाती हैं। त्वचा के रंग के साथ जीवन के सौंदर्यबोध को जोड़ने वाले भी इस बात को जानते हैं कि शरीर तो पंचभूतों से बनी एक संरचना है, जिसे आखिरकार मिट्टी में ही मिल जाना है। जो नश्वर हो जाए जो मिट्टी में मिल जाए, वह सच्चा सौंदर्य नहीं हो सकता।