आज इन कार्यों के लिए बन रहा है शुभ मुहूर्त, आप भी लाभ उठाएं
पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 2.56 तक, इसके बाद षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि रहेगी
पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 2.56 तक, इसके बाद षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि रहेगी। पंचमी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य तथा चंचल व स्थिर कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। पर पंचमी तिथि में ऋण देना हितकर नहीं है। षष्ठी तिथि में वास्तु, युद्धकार्य और विवाहादि कार्य शुभ कहे गए हैं।
नक्षत्र: पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि 12.41 तक, दुपरान्त उत्तरा भाद्रपद ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में कारीगरी, साहस, कृषि, पशु विक्रय और जलयंत्र सम्बंधी समस्त कार्य तथा उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में विवाह, यज्ञोपवीत, देवस्थापन आदि विषयक कार्य करने चाहिए।
योग: सौभाग्य नामक योग प्रात: 10.13 तक, तदन्तर शोभन नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग सूर्योदय से रात्रि 12.41 तक, तदुपरान्त दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। कुमार योग में शिक्षा-दीक्षा-मैत्री व व्रतादि शुभ कहे गए हैं। करण: तैतिल नामकरण दोपहर बाद 2.56 तक, तदुपरान्त गरादि करण हैं।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – कृष्ण।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में सगाई, रोका, टीका, आदि व उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में विवाह का (मृत्यु पंचक दोषयुक्त) अशुद्ध मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न 10.51 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर 12.32 से दोपहर बाद बाद 2.14 तक शुभ तथा सायं 5.37 से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.05 से दोपहर 12.59 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त, जो आवशयक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम है।
व्रतोत्सव: आज नागपंचमी (राज. में) मेला नाग पंचमी व हरदेव पूजा (जयपुर-राज.) पंचक संपूर्ण दिवारात्रि है। दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज सायं 6.35 तक कुम्भ राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहने से, पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद ही रहेगी। चन्द्रमा: चन्द्रमा सायं 6.35 तक कुम्भ राशि में, इसके बाद मीन राशि में रहेगा। राहुकाल: प्रात: 10.30 से दोपहर 12.00 तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (द, दी, दू, थ) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। सायं 6.35 तक जन्मे जातकों की जन्म राशि कुम्भ तथा इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि मीन है। इनका जन्म लोहपाद से है। जो कुछ कष्टकारक है। सामान्यत: ये जातक धनी, कलाकार, पराक्रमी, सुंदर, विद्यावान, किंतु शीघ्र ही क्रोधित होने वाले, कामासक्त और शत्रुजित होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 19-21 वर्ष की आयु में हो जाता है। कुम्भ राशि वाले जातकों को आज अपने कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। उधारी देना हितकर नहीं होगा।
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