इन कार्यों को करने के लिए बहुत ही शुभ है आज का दिन, आप भी करें
अष्टमी जया संज्ञक तिथि दोपहर 12.05 तक, तदन्तर नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि है
अष्टमी जया संज्ञक तिथि दोपहर 12.05 तक, तदन्तर नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि है। अष्टमी तिथि में नाचना, स्त्री, रत्न, अलंकार, युद्ध, शस्त्रधारण, वास्तुकर्म, चित्रकारी, विवाह, वधू-प्रवेश, प्रतिष्ठा आदि विषयक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। नवमी तिथि में विग्रह, कलह, जुआ, मद्य, आखेट आदि के कार्य सिद्ध होते हैं। पर शुभ कार्य वर्जित हैं।
नक्षत्र: अश्विनी ‘क्षिप्र व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि 11.18 तक, तदुपरान्त भरणी ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। अश्विनी नक्षत्र में यथा आवश्यक यात्रा, औषध ग्रहण, अलंकार, विद्या, चित्रकारी, कलादि कार्य और विवाहांग व मांगलिक कार्य करने चाहिए। भरणी नक्षत्र में साहस, दारूण, शत्रुनाश, बंधन, कुआ व कृषि सम्बंधी कार्य सिद्ध होते हैं।
योग: धृति नामक नैसर्गिक शुभ योग रात्रि 2.39 तक, तदन्तर शूल नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। शूल नामक योग की प्रथम पांच घटी शुभ कार्यों में वर्जित हैं। करण: कौलव नामकरण दोपहर 12.05 तक, तदन्तर तैतिलादि करण हैं।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – कृष्ण।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अष्टमी तिथि व अश्विनी नक्षत्र में विपणि-व्यापारारम्भ, वाहन क्रय करना, मशीनरी प्रारम्भ तथा हलप्रवहण आदि के शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: सूर्योदय से प्रात: 7.29 तक अमृत, प्रात: 9.10 से प्रात: 10.51 तक शुभ तथा दोपहर बाद 2.14 से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.06 से दोपहर 1.00 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम है।
व्रतोत्सव: आज श्रावण मास का द्वितीय सोमवार का व्रत है। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज मेष राशि के चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा की यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला होता है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मेष राशि में है। राहुकाल: प्रात: 7.30 से 9.00 तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (चे, चो, ला, लि, लू) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मेष है तथा स्वर्णपाद से जन्म है। सामान्यत: ये जातक धर्मात्मा, दानी, सत्यप्रिय, धनवान, गुणवान, पराक्रमी, हंसमुख, सुन्दर, बुद्धिमान, आभूषण आदि पहनने का शौकीन, परोपकारी व नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 20 वर्ष की आयु के बाद होता है। मेष राशि वाले जातकों का आज का दिन बहुत प्रसन्नता देने वाला, धनलाभ कराने वाला, नौकरी के प्रयासरत जातकों के प्रयास सफल होंगे।
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