मलमास में कमला (पद्मिनी) एकादशी व्रत पर करें शिव आराधना
Published: Jun 30, 2015 03:31:00 pm
अधिमास में आने वाली पद्मिनी एकादशी पर शिवलिंग पर जल, बेल-पत्र, धतूरा और पुष्प चढ़ाने का विशेष विधि विधान है
जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रान्ति नहीं होती है, वह मास मलमास या अधिमास कहा जाता है। मलमास भर में भगवान शंकर की उपासना करने का विशेष विधि-विधान है। इस मास में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस मास अवधि में भगवान शंकर के अशिव रूप की वंदना करने की परम्परा है। अधिमास अवधि में शिवलिंग पर जल, बेल-पत्र, धतूरा और पुष्प चढ़ाने का विशेष विधि विधान है।
मल मास एकादशी पद्मिनी एकादशी व्रत- मलमास या पुरूषोत्तम मास (अधिमास) की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे कमला या पुरूषोत्तमी एकादषी भी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन व्रत कर राधा-कृष्ण और शिव-पार्वती का पूजन करने का विधि-विधान है। यह एकादशी प्रत्येक वर्ष न आने के कारण विशेष महत्व रखती है। पद्मिनी एकादशी के दिन व्यक्ति को पूरे दिन का व्रत करना चाहिए और रात्रि में इस दिन जागरण करने से विशेष कल्याण होता है। व्रत के दिन उपवासक को व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए।