(2) सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव का पूजन करने से भी सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस दिन की पूजा तथा मंत्रजाप से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ अकालमृत्यु को भी टाल देते हैं।
(3) इस दिन पीपल के पूजन में दूध, दही, मीठा, फल, फूल, जल, जनेऊ जोड़ा चढ़ाने और दीप दिखाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है पीपल के मूल में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव जी तथा अग्रभाग में भगवान ब्रह्मा जी का निवास है। इसलिए सोमवती अमावस्या को पीपल के पूजन से अक्षय पुण्य, लाभ तथा सौभाग्य की वृद्धि होती है।