15 साल की सुषमा बनी देश की सबसे छोटी पोस्ट ग्रेजुएट
Published: Jun 21, 2015 03:41:00 pm
सुषमा ने 13 साल की उम्र में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी की थी,
अब वे पीएचडी करना चाहती है
लखनऊ। अगर दिल में कुछ कर दिखाने की ललक हो तो उम्र और आर्थिक स्थिति का भी कोई बंधन नहीं रह जाता है। ये बात साबित की 15 साल की सुषमा वर्मा ने। सुषमा ने इतनी छोटी उम्र में एमएससी (माइक्रोबायोलॉजी) कंप्लीट कर देश की सबसे छोटी पोस्ट ग्रेजुएट बन गई है।
सुषमा ने बाबासाहब भीमराव अंबेडकर (सेंट्रल) यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। शनिवार को ही उनके चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित किया गया। उन्होंने पहले, दूसरे और चौथे सेमेस्टर में 8, 8.5, 9 के सेमेस्टर ग्रेड पाइंट एवरेज से टॉप किया। तीसरे सेमेस्टर में वे बस .25 फीसदी से पीछे रह गई। एमएससी में सुषमा से करीब 8 साल बड़े स्टूडेंट्स हैं। पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी नवीन कुमार का कहना है कि वह (सुषमा) के एमएससी टॉप करनी की संभावना है, लेकिन हम अभी क्यूमुलेटिव मार्क्स का इंतजार कर रहे हैं, जो जल्द ही आने वाले हैं।
सुषमा के पिता तेज बहादुर इसी कॉलेज में दैनिक मजदूर पर काम करते हैं। सुषमा अपने परिवार के साथ एक जीर्णशीर्ण कमरे में रहती थी। उनकी मदद के लिए बीबीएयू के वाइस चांसलर डॉ. आरसी सोबती ने सुषमा के पिता को अपने इसी कॉलेज में असिसटेंड सुपरवाइजर (सेनिटेशन) के रूप में काम पर रख लिया। दोनों पिता-बेटी अक्सर साथ में यूनिवर्सिटी जाते हैं।
सुषमा ने 13 साल की उम्र में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी की थी। अब वे एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करना चाहती है। 2007 में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सुषमा का नाम दसवीं क्लास पास करने वाली सबसे छोटे स्टूडेंट के रूप में दर्ज किया था। उस वक्त सुषमा की उम्र 7 साल 3 महीने 28 दिन थी।
सुषमा डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन जब उन्होंने उत्तर प्रदेश कम्बाइंड प्रीमेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) दिया तो सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, कानपूर ने उनका रिजल्ट बिना कोई कारण दिए रोक दिया। उनके पिता ने बताया कि हमें कहा गया कि एमबीबीएस के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल है, इसलिए शायद रिजल्ट रोका गया है। इसके चलते सुषमा ने बीएससी की और अब 15 साल की उम्र में एमएससी भी पूरी कर ली।