रीवा। शहर के आधे हिस्से में घुसे पानी ने जमकर तबाही मचाई। पूरे दिन रेस्क्यू का काम चला और यह पता करने का प्रयास होता रहा कि आखिर इतनी मात्रा में पानी कहां से आया। प्रशासन कोई प्रमुख कारण बताने की स्थिति में देर रात तक नहीं रहा, लेकिन यह माना जा रहा है कि नौबस्ता के पास पानी के दबाव में नहर फूट गई और उसका पानी शहर की ओर पहुंचा। सबसे अधिक गोड़हर, चोरहटा और पडऱा क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
सुबह से ही बारिश का दौर जारी था जिसके चलते नगर निगम के अमले को अलर्ट कर दिया गया था। प्रभावित मोहल्लों में कई टीमें पहुंच गई थी और घरों में घुस रहे पानी को निकालने के लिए प्रयास भी शुरू हुए।
ये भी पढ़ें: रीवा में बाढ़ से एनएच-7 में 4 फिट ऊपर बह रहा पानी, सामान्य से 180 फीसदी तक बारिश जब तक सड़कें और नालियां काटकर पानी निकासी का इंतजाम पूरा किया जाता तब तक घरों के भीतर पानी घुसने लगा। इस क्षेत्र में अब तक बारिश ने कभी तबाही नहीं मचाई। स्थानीय लोगों ने कहा है कि बाढ़ भी जब आई तो ऊपरी हिस्से में पानी नहीं घुसा।
नहर में पानी का बहाव अपर पुरवा की मुख्य नहर नौबस्ता के पास सुबह करीब साढ़े सात बजे टूट गई, नहर में पानी का बहाव भी था। इस वजह से भारी मात्रा में पानी घुसना शुरू हो गया। इधर शहर के धिरमा नाले का पानी पहले से ही पर्याप्त मात्रा में नही बह पा रहा था। कुछ दिन पहले ही नाले को पाटा गया है, इस वजह से पानी सड़क के रास्ते मोहल्लों में पहुंचने लगा।
केरियारी नदी का भी पानी समाहित इसी पानी में केरियारी नदी का भी पानी समाहित हो गया था जिसके चलते बहाव अधिक तेज हो गया था। रीवा-सतना मार्ग में गोड़हर और चोरहटा के बीच करीब तीन फिट पानी नदी के ऊपर बह रहा था। यह पानी एजी कॉलेज परिसर सहित आसपास के सभी मोहल्लों में घुस गया और लोगों का भारी नुकसान हुआ।
ये भी पढ़ें: जज्बे को सलाम, गर्भवती को पार कराया नाला, पुलिस वाहन से भेजा अस्पताल, दहलीज पर गुंजी किलकारी कई छोटे बांध भी टूटे खेती के लिए चोरहटा, खैरा और आसपास के गांवों में लोगों ने छोटे बांधों में पानी भर रखा था। तेज बारिश के चलते इसमें कई ओवरफ्लो हो गए और फूट गए। जिसकी वजह से नीचे के बांधों पर पानी का दबाव बढ़ा। रघुराजसागर नाम के बांध का पानी भी मेढ़ क्षतिग्रस्त होने के चलते निकला और पुष्पराज नगर, लखौरीबाग के मोहल्लों में पानी घुस गया।
कंट्रोल रूम सुबह 6 बजे से हुआ सक्रिय नगर निगम द्वारा कोठी टंकी के पास बनाए गए बाढ़ नियंत्रण के कंट्रोल रूम को एक बार फिर सक्रिय किया गया। निगम आयुक्त कर्मवीर शर्मा स्वयं पहुंचे और कार्यपालन यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला, स्वास्थ्य अधिकारी अरुण मिश्रा सहित सभी इंजीनियरों को बुलाकर पहले स्थिति की समीक्षा की और प्रभावित वार्डों में राहत के लिए टीमें रवाना की।
शहर के आधे हिस्से में पानी घरों में घुसा है। पश्चिमी क्षेत्र में बारिश अधिक होने और नहर टूटने से जलभराव तेजी से हुआ और समय पर निकासी नहीं हो पाई। इसके अलावा खेती के लिए बनाए गए कई छोटे बांध भी टूट गए और उनका पानी घुसा। स्थिति नियंत्रण में है, प्रभावित लोगों को राहत शिविर में रखा गया है।
कर्मवीर शर्मा, आयुक्त नगर निगम