रीवा। नोट बंदी का असर आम आदमी के साथ ही सरकार के खजाने पर भी पडऩे लगा है। जिले में नवंबर से लेकर 9 दिसंबर तक खजाने को डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका लगा है। शुक्रवार दोपहर 12.20 बजे आलम यह रहा कि जिला मुख्यालय पर रजिस्ट्री कार्यालय में सन्नाटा रहा।
कुछ कर्मचारी बाहर धूप सेंक रहे थे तो सब रजिस्ट्रार की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। कुछ कर्मचारी फाइलें निपटा रहे थे। जिला पंजीयक की ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को कुल 9 रजिस्ट्रियां हुई हैं।
जिले में पांच उप रजिस्ट्री कार्यालय
जिले में पांच उप रजिस्ट्री कार्यालय हैं। नवंबर से अब तक 291 रजिस्ट्रियां हुई हैं। जबकि अक्टूबर से लेकर 7 नवंबर तक 700 से अधिक रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं। आंकड़े खुद ब खुद बता रहे हैं कि खजाने को कितना नुकसान हुआ है। कार्यालय के अधिकारियों का अनुमान है कि अक्टूबर की अपेक्षा नवंबर से अब तक डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व खजाने में कम आया। दिसंबर में स्थिति और खराब हुई है।
छह सौ से ज्यादा स्लॉट कैंसिल
सर्विस प्रोवाइडरों की माने तो पूरे जिले में करीब छह सौ क्रेता-विक्रेताओं ने स्लाट बुक कराया था, लेकिन नोटबंदी के बाद स्लाट कैंसिल करा दिए गए। खैरा गांव के रामदयाल सिंह ने बताया कि वह रजिस्ट्री कराने के लिए स्लाट बुक कराया था, लेकिन बैंक से पर्याप्त पैसे नहीं मिलने के कारण रजिस्ट्री कैंसिल करा दी है।इसी तरह त्योंथर के कुठिला गांव निवासी शिवकुमार ङ्क्षसह ने त्योंथर में जमीन रजिस्ट्री के लिए स्लाट बुक कराया था। बैंक से पैसे नहीं निकलने पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया रोक दी।