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#WORLD AIDS DAY: सालभर में दोगुनी हो गई एचआईवी पॉजिटिव की संख्या

बीएमसी के एआरटी सेंटर में एड्स के मरीजों का लाइन ट्रीटमेंट किया जाता है। यहां टीकमगढ, दमोह और छतपुर के मरीजों का भी इलाज होता है। यहां एड्स के 975 केस दर्ज हैं, जिसमें से 850 मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है।

सागरDec 01, 2016 / 12:54 pm

Widush Mishra

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रेशु जैन@सागर. असुरक्षित यौन संबंध से युवाओं में एड्स का खतरा बढ़ रहा है। बीते सात सालों में संभाग के एक हजार लोग एड्स की चपेट में आ चुके हैं। युवाओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हालत यह है कि कुल मरीजों में अकेले युवाओं की संख्या 60 प्रतिशत है। साल 2015 में एचआईवी के 55 केस सामने आए थे लेकिन 2016 में यह आंकड़ा 95 तक पहुंच गया है।

975 केस हैं रजिस्टर्ड 
बीएमसी के एआरटी सेंटर में एड्स के मरीजों का लाइन ट्रीटमेंट किया जाता है। यहां टीकमगढ, दमोह और छतपुर के मरीजों का भी इलाज होता है। यहां एड्स के 975 केस दर्ज हैं, जिसमें से 850 मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है। इनमें से 99 फीसदी लोगों में असुरक्षित यौन संबंध के कारण संक्रमण हुआ है। इसमें युवाओं की संख्या 450 के पार है।

बाहर रहने से बढ़ा खतरा
कामकाज के लिए बाहर जाने वाले पुरुष इस बीमारी में इजाफा कर रहे हैं। इनमें ट्रक चलाने वाले ड्राइवर और मजदूर ज्यादा है, यह वर्ग असुरक्षित यौन संबंध बनाता है और अपने घर की महिलाओं तक संक्रमण फैलाता है। अस्पताल में दर्ज एड्स के मरीजों में 400 लोग बाहर काम करने वाले हैं। इनमें संक्रमण की शिकार महिलाओं की 150 के करीब है।

क्या है स्थिति
975 मरीज एआरटी सेंटर में दर्ज
450 है युवाओं की कुल संख्या
150 से ज्यादा ग्रहणी महिलाएं 
09 गर्भवती महिलाएं भी शामिल
30 समलैगिंक भी चपेट में हैं 
10 बच्चों को भी हो गया एड्स
45 से ज्यादा उम्र के पुरुष – 80
80 युवतियां एचआईवी संक्रमित

एक्सपर्ट व्यू
एचआईवी पॉजिटिव केस में टीवी होने से मौत होने की आशंका बढ़ जाती है। युवा ज्यादातर असुरक्षित यौन संबध बनाते हैं और संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। उन्हें सोच-समझकर कदम बढ़ाना चाहिए। कई लोग सोचते हैं पुरुष से ही संबंध बनाने पर खतरा नहीं होगा, लेकिन ऐसी स्थिति में खतरा दोगुना हो जाता है।
अनुपम बोहरे, काउंसलर
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