अंबिकापुर/दरिमा. लक्ष्य को पूरा करने के लिए शौचालय निर्माण में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। कलक्टर ने यह बातें अधिकारियों की एक बैठक में कुछ दिनोंं पूर्व कही थी। लेकिन ग्राम पंचायत कुनियाकला में कलक्टर के निर्देशों को ताक पर रख शौचालय का निर्माण किया जा रहा है।
समय से पूर्व ही ग्राम में शौचालय का निर्माण तो करा लिया गया है। लेकिन गुणवत्ता का ख्याल किस कदर रखा गया है, यह गांव में जाने के बाद वहां की जमीनी हकीकत देख कर पता चलता है। अब ऐसे में इस पंचायत को ओडीएफ घोषित करना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत पूरे जिले के प्रत्येक गांव में शौचालय का निर्माण किया जा रहा है ताकि लोग खुले में शौच न करें। इसे लेकर जिला प्रशासन काफी सख्त है। कलक्टर ने कुछ दिनों पूर्व सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिव की बैठक में काफी सख्त लहजे में कहा था कि शौचालय निर्माण को लेकर कोई भी गलत जानकारी न दें।
जब तक गांव के प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण नहीं हो जाता है, तब तक गांव को ओडीएफ घोषित नहीं किया जाएगा। इस बैठक के पूर्व कलक्टर ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे, कि शौचालय निर्माण में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। गुणवत्ताविहीन शौचालय निर्माण की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की भी बात कलक्टर द्वारा कही गई थी।
लेकिन कलक्टर के निर्देशों का पालन किस कदर किया जा रहा है, यह दरिमा के ग्राम पंचायत कुनियाकला में पहुंचने के बाद पता चल जाता है। गांव में जो शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। उसमें एक व्यस्क इंसान तो दूर की बात एक छोटा बच्चा भी ठीक से नहीं बैठ पाएगा।
जिस सीट का उपयोग किया गया है, वह काफी घटिया है जो उपयोग करने के पूर्व ही पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जा रहा है। गांव में शौचालय में जो दरवाजा लगाया जा रहा है। उसे गांव वाले कैसे बंद कर पाएंगे, यह जानकारी खुद निर्माण कराने वाले इंजीनियर के पास भी नहीं है। शौचालय के लिए जो सेप्टिक टैंक बनाया जा रहा है।
उसका उपयोग शायद ही हो पाएगा, क्योंकि वह समय से पूर्व ही भर जाएगा। बनाए गए शौचालयों की स्थिति इतनी खराब है कि ये पहली बरसात ही झेल जाएं तो बड़ी बात होगी, क्योंकि कुछ शौचालय तो अभी से ही धसने लगे हैं।
उम्मीदों पर लगा रहे चूना कलक्टर शौचालय निर्माण को लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं, उनके द्वारा सरगुजा को जल्द ओडीएफ घोषित करने हर संभव प्रयास किए जा रहे हंै। लेकिन उनके मातहत छोटे कर्मचारी स्वच्छ भारत मिशन का पलीता लगाने में हुए हैं। ग्राम कुनियाकला में तो मानक को पूरी तरह से ताक पर रखकर शौचालयों का निर्माण करा दिया गया है। कमीशन के फेर में शौचालय निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है।
पहली बारिश भी झेल जाएं, संभव नहीं
शौचालय के निर्माण में जिस कदर गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया है। उससे शायद नवनिर्मित शौचालय पहली बारिश झेल जाएं यह उम्मीद भी कम है। शौचालय देखकर गांव के लोग उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन गांववालों को कोई सुनने वाला नहीं है।
लक्ष्य हो चुका है पूरा ग्राम पंचायत कुनियाकला के लिए 304 शौचालय निर्माण का लक्ष्य था। शौचालय निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। सिर्फ कुछ जगहों पर रंग-रोगन का काम बचा हुआ है। दुर्गा चौबे, सचिव, ग्राम पंचायत कुनियाकला