एक तो Noteban और इस बैंक का दो दिन से Link Fail, उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी
सरगुजाPublished: Dec 01, 2016 11:03:00 am
नोटबंदी की समस्या से जूझ रहे लोगों को शहर के सेन्ट्रल बैंक में बिजली गुल होने व लिंक फेल होने से प्रभावित रहा काम
अंबिकापुर. नोटबंदी की समस्याओं से जुझ रहे लोगों को राहत मिल नहीं रही है। इधर सेंट्रल बैंक चोपड़ापारा शाखा में लगातार दो दिन से लिंक फेल होने से लेन-देन सहित अन्य कामों के लिए पहुंच रहे ग्राहकों की दिक्कतें और बढ़ गई है।
कुछ दिनों पूर्व ही कलक्टर भीम सिंह ने बैंक अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए थे कि बैंक पहुंचे ग्राहकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद शहर के चोपड़ा पारा स्थित सेंट्रल बैंक की शाखा में लगातार दो दिन से लिंक फेल होने व विद्युत कटौती से ग्राहक परेशान हैं।
लगातार दो दिन से लिंक फेल होने की वजह से बैंक का लेन देन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। मंगलवार को सुबह 10.30 बजे जब ग्राहक बैंक में पुराने नोट जमा करने व अन्य काम से पहुंचे तो बैंक का लिंक फेल था। इससे बैंक का काम शाम चार बजे तक प्रभावित रहा। ग्राहकों को मायूस होकर शाम को वापस लोटना पड़ा।
वहीं बुधवार की सुबह भी बैंक की बिजली गुल होने के कारण बैंक का काम पूरी तरह से ठप रहा। इससे बैंक पहुंचने वाले ग्राहंकों को कफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दूरदराज से आए ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लगभग दोपहर एक बजे जब लाइट आई तो ग्राहकों को उम्मीद जगी की अब सारे काम हो जाएंगे।
लेकिन बैंक का जैसे ही सिस्टम ऑन हुआ तो लिंक फेल बताया गया। इससे उपभोक्ताओं को फिर मायूसी हाथ लगी।। लिंक आने के इंतजार में घंटों उपभोक्ता कतार में खड़ रहे, लेकिन शाम को निराश होकर घर लौट गए।
बैंक में नहीं है जनरेटर की व्यवस्था
शहर के अधिकांश बैंकों में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अगर विद्युत व्यवस्था बाधित होती है तो काम पूरी तरह से ठप पड़ जाता है। बुधवार को शहर के चोपड़ापारा स्थित सेंट्रल बैंक का कार्य शुरू होते ही बिजली गुल हो गई। इससे बैंक का पूरा काम लगभग दो घंटे तक काम प्रभावित रहा।
कई जरूरी काम नहीं कर पाए उपभोक्ता
बैंक का लिंक फेल होने की वजह से वहां पहुंचे उपभोक्ताओं को करेंसी नहीं मिल सके। इससे वे कई जरूरी काम नहीं कर सके। कई ग्राहकों को इलाज के लिए तो कुछ को मजदूरी भुगतान के लिए रुपए की जरूरत थी। लेकिन रुपए नहीं मिलने से वे अपने जरूरी काम नहीं कर सके।