टूटी पटरी के कारण नहीं मिल रहा था सिग्नल, तकनीकी जांच में ट्रैक पर मिला फ्रैक्चर
सतनाPublished: Dec 18, 2016 05:51:00 pm
सतना स्टेशन में बड़ा हादसा टला, प्लेटफार्म नंबर दो से निकालीं आधा दर्जन ट्रेनें, रेलकर्मी ने देखा कि कटनी छोर की ओर प्लेटफार्म के अंतिम हिस्से में ट्रेक फ्रैक्चर है। इसकी सूचना उसने स्टेशन मास्टर को दी।
track got larger fracture
सतना। रेलवे स्टेशन सतना के कटनी छोर की ओर ट्रैक पर फ्रैक्चर पाया गया। समय रहते रेलकर्मियों ने देख लिया, लिहाजा बड़ा हादसा टल गया। जानकारी मिलने के बाद आधा दर्जन ट्रेनों को प्लेटफार्म 2 से निकाला गया। लगभग दो घंटे तक प्लेटफार्म नंबर एक के ट्रैक को बंद रखा गया। फ्रैक्चर लूप लाइन में था।
रेलवे सूत्रों की मानें तो एक ट्रेन के लिए सिग्नल दिया जा रहा था। लेकिन, सिग्नल हो नहीं रहा था। इसके बाद तकनीकी कारणों की जांच शुरू की गई। इसी दौरान एक रेलकर्मी ने देखा कि कटनी छोर की ओर प्लेटफार्म के अंतिम हिस्से में ट्रेक फ्रैक्चर है।
क्लैंप के माध्यम से ट्रैक को जोड़ा
इसकी सूचना उसने स्टेशन मास्टर को दी। इसके बाद रेलवे के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देते हुए मरम्मत काम शुरू किया गया। पीडब्लूआई शाखा की टीम ने क्लैंप के माध्यम से ट्रैक को जोड़ा। लगभग एक घंटे बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ।
हो सकता था हादसा
हाल ही में कानपुर के पास ट्रेन हादसे की खबर आई थी। इसमें शुरुआती में ट्रैक फैक्चर की बात सामने आई थी। हालांकि रेलवे अभी जांच कर रहा है। ट्रैक फ्रैक्चर होने के कारण टे्रन बेपटरी हो सकती है। ट्रेन की गति ज्यादा हो, तो हादसा भी बड़ा हो सकता है।
तापमान परिवर्तन के कारण टूटती है पटरी
रेलवे के जानकारों की मानें तो ट्रैक टूटने का मुख्य कारण मौसम में तेजी से होने वाला परिवर्तन है। रिटायर्ड रेल अधिकारी आरसी लाल कहते हैं कि जब तापमान में तेजी से उतार चढ़ाव होता है, तो पटरी भी सिकुड़ती व बढ़ती है। इससे कुछ हिस्से कमजोर हो जाते हैं। जब उस पर से ट्रेन गुजरती है, तो भारी दबाव के कारण पटरी टूट जाती है।
मामला संज्ञान में आया था। तापमान के कारण ऐसा होता है। टीम भेजकर मरम्मत कराया गया है। जांच भी होगी।
राजेश पटेल, एडीईएन, सतना