मेढक़ पर हुए एक अध्ययन के अनुसार आदमी के दिमाग का ढाचा ही उसके भीतर के मकडज़ाल के चलाने में सहायक होता है।
मनुष्य के दिमाग की जटिलता हमेशा से ही शोध का विषय रहा है। शोधकर्ता काफी लंबे वक्त से मस्तिष्क की संरचना और उसकी कार्यपद्धति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन का कहना है कि मस्तिष्क की भौतिक संरचना ही उसके मकड़जाल (वायरिंग) का मार्गदर्शन करती है। शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए मेढ़क की सहायता ली है।
एक्सोन दिखाता है दिमाग को मार्ग
इस शोध में बताया गया है कि दिमाग की तंत्रिका कोशिका के टेंड्रिल्स, जिसे एक्सोन कहते हैं यह दिमाग की कठोरता को मार्ग दिखाती है। इस शोध को नेचर न्यूरोसाइंस (तंत्रिका विज्ञान) में विस्तार से बताया गया है। रासायनिक संकेतों के साथ ही दिमाग के भौतिक गुण इसके जुड़ाव को आकार देने में सहायता करते हैं।
तंत्रिका कोशिका के बनावट को समझने में मिलेगी मदद
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन से तंत्रिका कोशिका की बनावट को समझने में सहायता मिलेगी। शोध के सहलेखक क्रिस्टियान फ्रांज़ के अनुसार दिमाग के तंत्रिका कोशिका को समझने के लिए रासायनिक ही नहीं बल्कि पर्यावरणीय फेक्टर पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यह धारणा है कि भौतिक लक्षण एक्सोन को गति प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस बात से यह समझने में मदद मिलेगी कि तंत्रिका कोशिका किस तरह से अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।
मेढ़क पर किया गया शोध
फ्रांज और उनके सहयोगियों ने इस शोध को मेढ़क पर किया है। इसमें पता चला कि एक्सोन सॉफ्ट और हार्ड पदार्थ बनाता है। यह कड़े सतह पर सीधे और लंबे बनते हैं। दिमाग के विकास के साथ ही एक्सोन नरम उतकों को भी विकसित करता है। शोध में पता चला है कि पीजो1 नाम का प्रोटीन एक्सोन को कठोर बनाता है। जैसे ही इस प्रोटीन का स्तर कम होता है या घटता जाता है, एक्सोन विकसित होता जाता है। इसके लिए नरम वातावरण की भी जरूरत पड़ती है। यह एक्सोन छोटे और कम सीधे होते हैं। कठोर और मुलायम ऊतक दोनों ही एक्सोन को संदेश भेजते हैं। कठोर ऊतकों को मोटर के जरिए तेजी से संकेत मिलता है। जबकि मुलायम ऊतको को अपेक्षाकृत धीरे-धीरे संकेत मिलते हैं।