अच्छाई और बुराई के बीच एआई पर छिड़ी है जुबानी जंग
Published: Jul 03, 2016 04:48:00 pm
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) का विषय भी कुछ ऐसा ही है। इस
बारे में हम आज सोचते हैं लेकिन इसके परिणाम दूरगामी होते हैं
तकनीक विज्ञान का वो आधार है जो कि दूर कहीं भविष्य में स्थित है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) का विषय भी कुछ ऐसा ही है। इस बारे में हम आज सोचते हैं लेकिन इसके परिणाम दूरगामी होते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान बड़े कॉरपोरेट्स और टेक्निकल स्टार्ट अप इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये सोचना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आपसे जुड़ी नहीं कतई गलत है।
अमरीका इस दिशा में गंभीरता से मंथन कर रहा है। यूं कहें कि काफी आगे बढ़ गया है। व्हाइट हाउस ने इस माह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वर्कशॉप की घोषणा की है। इस पर मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव के बारे में विचार होगा। विषय भी काफी प्रासंगिक रखे गए हैं। अमरीकी व्हाइट हाउस का ये प्रयास स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संबंधी मुद्दे के कितने दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
मशीनें खुद भी सीख कर फैसला करेंगी
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन में कई प्रकार से प्रवेश कर भी चुका है। वर्चुअल रियलिटी में किसी से बात करनी हो अथवा घर के बिजली के उपकरण को मात्र स्विच ऑन या फिर ऑफ करना हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से केवल मशीनों को तेज बनाना ही नहीं है, मशीनें खुद भी सीख और समझ कर ‘स्वयंसिद्धा’ बनें। मशीनें स्वयं ही हालात के अनुसार कार्य करें और निर्णय करें। लेकिन इसके साथ ही एक भय और उत्पन्न हो गया है…। कुछ-कुछ हॉलीवुड फिल्मों के जैसा। मशीनें इंसानों की जगह ले लेंगी। मशीनों और इंसानों का आमना-सामना होगा।
पक्ष और विपक्ष
स्टीफन हॉकिंग, उलान मस्क ने विश्व समुदाय को एआई से सचेत होने का आह्वान किया।
बिल गेट्स कहते हैं मशीनें जब तक ठीक हैं सब ठीक, लेकिन गड़बड़ हुई तो कौन संभालेगा।
गूगल के एरिक शिमट्ज के अनुसार एआई से कंपनियों ने बड़े मुकाम हासिल किए हैं।
यूडासिटी अध्यक्ष सेबस्टियन थरन कहते हैं अब एआई के बारे में पूर्वाग्रह निकालने होंगे।
नियंत्रित रूप से तो फायदेमंद, लेकिन…
कृत्रिम बुद्धिमता नियंत्रित रूप में तो फायदे की है, लेकिन मानवीय क्षमताओं से अधिक होने पर ये खतरनाक साबित हो सकती है।
– स्टीफन हॉकिंग, मशहूर वैज्ञानिक