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ई-सिगरेट भी पहुंचा सकती है फेफड़ों को नुकसान!

सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए काम में ली जाने वाली ई-सिगरेट में होते हैं रासायनिक केमिकल्स

May 19, 2015 / 01:12 pm

Anil Kumar

E-Cigarette

न्यूयॉर्क। आजकल सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए ई-सिगरेट का चलन आम हो चुका है, लेकिन यह भी आपके फेफड़ों को नुकसान पहुचा सकती है। जी हां, हाल ही में सामने एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक ई-सिगरेट में अलग-अलग फ्लेवर के लिए इस्तेमाल होने वाला पदार्थ भी आपके फेफड़ों की कार्यप्रणाली में को नुकसान पहुंचा सकता है।

कोशिकीय कार्यप्रणाली पर पड़ता है प्रभाव
इस अध्ययन में सामने आया है कि ई-सिगरेट में फ्लेवर पैदा करने के कई तरह के पदार्थ इस्तेमाल होते हैं जो फेफड़ों के अहम कोशिकीय कार्यप्रणाली में बदलाव कर सकते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने अपने 13 फ्लेवर पर परीक्षण किया उनमें से 5 का फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पाया गया।

धुंए में मौजूद होते हैं रासायनिक यौगिक
इस शोध की मुख्य लेखिका अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना विश्वविद्यालय की टेंपरेंस रोवेल का कहना है कि अनुसार, ई-सिगरेट से निकलने वाले धुएं में विभिन्न रासायनिक यौगिकों मौजूद होते हैं तथा इनसे फेफड़े पर पड़ने वाले प्रभाव से लोग अक्सर अनजान होते हैं।

मात्रा पर करता है निर्भर
रोवेल का कहना है कि मानव फेफड़ों के एपीथीलियल उत्तकों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि 13 फ्लेवरो में से 5 फ्लेवरो के कारण बड़ी संख्या में उत्तकों की व्यावहारिकता और विषाक्तता पर बुरा प्रभाव पड़ा, हालांकि यह ई-सिगरेट लेने की मात्रा पर भी निर्भर करता है। इस अध्ययन में कृत्रिम मानव फेफड़ों के एपीथीलियल उत्तकों को ई-सिगरेट के 13 फ्लेवरों के संपर्क में 30 मिनट तक या 24 घंटों तक रखा गया।

जागरूक होने की जरूरत
रॉवेल ने कहा है कि सुगंधित ई-सिगरेट के इस्तेमाल के बढ़ रहे प्रचलन को देखते हुए उनमें इस्तेमाल होने वाली चीजों के बारे में बेहतर जानकारी, उनसे स्वास्थ्य को होने वाले संभावित जोखिम और इस तरह जोखिम के कारणों के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। यह अध्ययन डेनवर में हुए अमेरिकन थोरासिक सोसायटी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है।

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