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सच साबित हुई आइंस्टीन की भविष्यवाणी, वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज की

Published: Feb 14, 2016 12:19:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

वैज्ञानिकों ने इसे एक महान उपलब्धि करार देते हुए इसकी तुलना उस क्षण से
की है, जब ग्रहों को देखने के लिए गैलीलियो ने दूरदर्शी यंत्र का आविष्कार
किया था

albert einstein

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वाशिंगटन। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उस समय खुशी की लहर पैदा हो गई, जब वैज्ञानिकों ने यह घोषणा की कि उन्होंने अंतत: उन गुरुत्वीय तरंगों की खोज कर ली है, जिसकी भविष्यवाणी आइंस्टीन ने एक सदी पहले ही कर दी थी।

वैज्ञानिकों ने इसे एक महान उपलब्धि करार देते हुए इसकी तुलना उस क्षण से की है, जब ग्रहों को देखने के लिए गैलीलियो ने दूरदर्शी यंत्र का आविष्कार किया था।

ब्रह्मांड में जोरदार टक्करों के कारण पैदा होने वाली इन तरंगों की खोज खगोलविदों को इसलिए उत्साहित कर रही है क्योंकि इससे ब्रह्मांड का अवलोकन उसकी क्रमबद्धता में करने का एक नया रास्ता खुल गया है। उनके लिए यह एक मूक फिल्म से बोलती फिल्मों में प्रवेश करने जैसा है क्योंकि ये तरंगें ब्रह्मांड की आवाज हैं।

कोलंबिया विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष विज्ञानी और खोज दल के सदस्य एस मार्का ने कहा कि इस क्षण से पहले तक हमारी नज़रें तो आसमान की ओर होती थीं लेकिन हम वहां का संगीत नहीं सुन पाते थे। इस नई खोज में खगोलविदों ने अत्याधुनिक एवं बेहद संवेदनशील लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑबजर्वेटरी या लीगो का इस्तेमाल किया, जिसकी लागत 1.1 अरब डॉलर है। लीगो की मदद से उन्होंने दूर दो ब्लैक होल के बीच हुई हालिया टक्कर में पैदा हुई गुरुत्वीय तरंग का पता लगाया।

कुछ भौतिकविदों का कहना है कि यह खोज वर्ष 2012 की हिग्स बोसॉन (गॉड पार्टिकल) जितनी बड़ी है। वहीं कुछ वैज्ञानिक इसे उससे भी बड़ी खोज कह रहे हैं।

खोज दल के सदस्यों से इतर पेन स्टेट के भौतिक विज्ञानी अभय अष्टेकर ने कहा, ‘‘इसकी तुलना सिर्फ गैलीलियो द्वारा दूरदर्शी यंत्र लेकर आने और उससे ग्रहों को देखना शुरू करने से ही की जा सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रह्मांड को लेकर हमारी समझ में नाटकीय ढंग से बदलाव आया है।’’ गुरूत्वीय तरंगों की सबसे पहली व्याख्या आंइस्टीन ने वर्ष 1916 में अपने सापेक्षिता के सामान्य सिद्धांत के तहत की थी। ये चौथी विमा दिक्-काल में असाधारण रूप से कमजोर तरंगें हैं।

जब बड़े लेकिन सघन पिंड, जैसे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार आपस में टकराते हैं तो उनके गुरुत्व से पूरे ब्रह्मांड में तरंगे पैदा होती हैं।

वैज्ञानिकों को 1970 के दशक में की गई गणनाओं के आधार पर गुरुत्वीय तरंगों के अस्तित्व का अप्रत्यक्ष साक्ष्य मिला था। इस उपलब्धि को वर्ष 1993 का भौतिकी का नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था।

बहरहाल, मौजूदा घोषणा गुरूत्वीय तरंग की सीधी पहचान से जुड़ी है। ऐसे में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
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