पृथ्वी के रोटेशन पर निर्भर करता है समय
इलेक्ट्रोमैगनेटिक ट्रांजिशन्स को बहुत ही विश्वसनीय माना जाता है। सीसियम घड़ी 1,400,000 सालों तक एक सेकेंड की भविष्यवाणी भी बिल्कुल सटीक करती है। पृथ्वी को रोटेशन पर ही पर लगने वाले समय के अनुसार एक मीन सौर दिन, यानी एक दिन की औसत लंबाई निभ्र्भर करता है। सामान्यत: पृथ्वी को एक रोटेशन पूरा करने में 86,400.002 सेकेंड लगते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक 1820 के बाद से मीन सौर दिन 86,400 सेकेंड्स से लंबा नहीं रहा है। इसी आधार पर 30 जून को ठीक 11:59:59 यूटीसी पर 1 लीप सेकेंड जोड़ा जा रहा है।
इतिहास में ऎसी 26वीं घटना
पहली बार लीप सेकेंड के सिद्धांत को 1972 में प्रतिपादित किया गया था। इसके बाद 25 बार लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक दिन के 1 सेकेंड बड़ा होने पर कंप्यूटर्स को नुकसान पहुंच सकता है। इसी नुकसान से बचने के लिए ऎसा किया जा सकता है। गौरतलब है कि 2012 में जब लीप सेकेंड जोड़ा गया था, तब कई कंपनियों के कंप्यूटर्स के सॉफ्टवेयर क्रैश हो गए थे।
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