71 प्रतिशत कम ईंधन खपत वाले विमान ‘डबल बबल’ डी8 के 2027 तक उड़ान भरने की संभावना है। इसे विकसित करने में आने वाले खर्च की फंडिंग नासा कर रहा है।
40 के दशक में प्रयोग के तौर शुरू की गई एक्स प्लेन्स सीरीज को नासा ने फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इस कड़ी में उसने दोहरे डैनों वाले ‘डबल बबल’ डी8 प्लेन तैयार किया है। यह प्लेन न केवल ईंधन की कम खपत करने वाला है, बल्कि टेक ऑफ करने व लोडिंग अनलोडिंग में भी आसान है।
एमआईटी ने तेयार किया डिजाइन
इस मॉडल को पहली बार मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और अरोरा लाइट साइंस ने 2008 में मिलकर विकसित किया था। नासा ने पुरस्कार के तौर पर हाल ही में कंपनी से एयरक्रा ट का स्केल मॉडल विकसित करने का अनुबंध किया है। वजीर्निया की कंपनी अरोरा लाइट साइंस कंपनी को उ मीद है कि वह डी8 की सफता के बाद नवीनतम पीढ़ी के एक्स प्लेन्स का निर्माण कर सकेगी।
पहली उड़ान 2027 में
इसकी पहली उड़ान 2027 में होने की संभावना है। डबल बबल डी8 के बारे में माना जा रहा है कि यह वर्तमान के सबसे अच्छे विमानों से भी 50 प्रतिशत कम ईंधन खपत करने वाला होगा। यह एक बार में 582 मील प्रति घंटे की स्पीड से 180 यात्रियों को लेकर 5500 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है।
ईंधन खपत में आ सकती है 71 प्रतिशत की कमी
कंपनी अरोरा के अनुसार, डी8 की डिजाइन 1958 में विकसित किये गए बोइंग 707 से प्रेरित है। जिसने कि न केवल एक दिन में दुनिया के इस कोने से उस कोने तक यात्रा करने की कल्पना को हकीकत में बदला बल्कि दोहरे पंखों का प्रयोग कर विमान तकनीक की परिभाषा भी बदली।
डी8 के डिजाइन में और अधिक सुधार के बाद 71 प्रतिशत तक ईंधन खपत में गिरावट लाई जा सकती है। साथ ही शोर और इंजन से होने वाले उत्सर्जन में 87 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।