नई दिल्ली। हैकर किसी भी इंसान का पासवर्ड चोरी करने में कामयाब नहीं हो सकेंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के कंप्यूटर साइंटिस्ट्स और इलेक्ट्रिकल इंजिनियर्स ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो इंसान के शरीर के जरिए सिक्योर पासवर्ड भेज सकेगी। इन सिक्योर पासवर्ड्स को किसी डिवाइस के फिंगरप्रिंट सेंसर या टचपैड द्वारा जनरेट किए जाने वाले लो फ्रिक्वेंसी ट्रांसमिशंस के जरिए भेजा जाता है। यूनिवर्सिटी के छात्र मेरहदाद हेसार का कहना है कि इस तकनीक के जरिए इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट लॉक की मदद से कोई दरवाजा एक हाथ से हत्था छूकर और दूसरे हाथ से अपने फोन का फिंगरप्रिंट सेंसर छूकर खोल सकते हैं। यह डिवाइस इंसान के फिंगरप्रिंट के डेटा को शरीर से होते हुए हत्थे में लगे रिसीवर को भेज देगा और दरवाजा खुल जाएगा।
ऐसे करती है तकनीक काम
सामान्यतया सेंसर जो सिग्नल पैदा करता है, उसमें वह इंसान की उंगली के इनपुट रिसीव करता है। लेकिन इस नए तरीके से इन सिग्नल्स को किसी अन्य डिवाइस के लिए पासवर्ड के तौर ट्रांसमिट किया जा सकता है। स्मार्टफोन में एंटर किए जाने वाले डेटा को यूजर के शरीर से होते हुए रिसीवर तक भेजा जाता है। यह तरीका बहुत सिक्योर माना गया है। फिलहाल वाई-फाई या ब्लूटूथ जैसी रेडियो वेव से भेजे जाने वाले इस तरह के कोड्स को हैक किया जा सकता है लेकिन शरीर के जरिए भेजे लाने वाले पासवर्ड को हैक नहीं किया सकेगा।
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