बेहद कम ऑक्सीजन में जिंदा हो जाता है हृदय
Published: Nov 08, 2016 05:08:00 pm
एक अंतराष्ट्रीय रिसर्च के अनुसार, बेहद कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में हृदय की मृतप्राय पेशियां पुनर्जीवित हो जाती हैं। इस रिसर्च टीम में अमरीका, ब्रिटेन और जापान के वैज्ञानिक शामिल थे।
एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा हाल ही किये गए रिसर्च के अनुसार, कम ऑक्सीजन में हृदय की मांशपेशियों को दोबारा पुर्जीवित किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हाइपोक्सिया की स्थिति में हृदय की पेशियों में विभाजन और वृद्धि देखी गई है। उन्होंने यह निष्कर्ष चूहे पर किए गए एक प्रयोग के बाद निकाला। वैज्ञानिकों ने प्रयोग के दौरान चूहे को बेहद कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में रख कर उसका अध्ययन किया।
7 प्रतिशत ऑक्सीजन में हुआ पेशियों का विकास
वैज्ञानिकों ने एक वयस्क चूहे को लगभग दो सप्ताह तक सात प्रतिशत से भी कम ऑक्सीजन वाले वातारण में रखा। जहां उन्होंने कार्डियोमाइओसाइट कही जाने वाली हृदय की पेशियों में विभाजन और विकास देखा। जबकि अभी तक माना जाता था कि वयस्क प्राणियों के हृदय की पेशियों में विकास नहीं होता। रिसर्च करने वाली अंतरराष्ट्रीय टीम में अमरीका,जापान और ब्रिटेन के वैज्ञानिक शामिल थे। टीम का नेतृत्व टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथर्न मेडिकल सेंटर के रिसर्चर हेशम सादेक और वातारु किमूरा ने किया।
हृदय रोगों से मिल सकती है निजात
वैज्ञानिकों के अनुसार शोध से हासिल परिणाम बताते हैं कि हाइपोक्सिया जैसी परिस्थिति हृदय रोगों से निजात दिला सकती है। उन्होंने कहा कि अगर ये नतीजे आगे के रिसर्चों में भी खरे उतरते हैं तो पहाड़ों के बेहद ऊंचाई वाले स्थानों पर सिर्फ रहकर भी हृदय रोगों से निपटने में मदद मिलेगी। प्रो टेक्सॉस हेल्थ प्रेस्बिटेरियन से जुड़े हुए प्रोफेसर बेंजामिन लेविन ने इसे असाधारण उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था। यह चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।